छह सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के मध्य विश्व की सबसे बड़ी सौर परियोजना की स्थापना हेतु समझौता-(31-JAN-2014) C.A

| Friday, January 31, 2014
सार्वजनिक क्षेत्र के छह उपक्रमों (पीएएसयू) ने 29 जनवरी 2014 को राजस्थान में विश्व की सबसे बड़ी 400 मेगावाट अल्ट्रा-सौर परियोजना स्थापित करने के लिए एक समझौता-ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. यह परियोजना सांभर, राजस्थान में 19000 एकड़ में फैला सबसे बड़ा एकल स्थल सौर संयंत्र होगा. परियोजना 7 से 8 वर्ष में दो चरणों में विकसित की जाएगी.
इस संयुक्त उद्यम कंपनी को निम्न इक्विटी-सहभागिता के अनुसार परियोजना को विकसित किया जाना है, जिसमे हिस्सेदारी का प्रतिशत निम्नलिखित है:-
पीएसयू का नाम
सहभागिता का प्रतिशत
बीएचईएल (भेल)
26
एसइसीआई (भारतीय सौर ऊर्जा निगम)
23
एसएसएल (सांभर साल्ट लिमिटेड)
16
पीजीसीआईएल (पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि.)
16
एसजेवीएनएल (सतलुज जल विद्युत निगम)
16
आरईआईएल (राजस्थान इलेक्ट्रोनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लि.)
3


परियोजना के पहले चरण में 1000 मेगावाट तीन वर्षों में पहले चालू कर दिया जाएगा, जबकि शेष 3000 मेगावाट अगले उत्तरवर्ती चरणों में कवर किया जाएगा. पहले चरण में 7500 करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी. भारी उद्योग विभाग इस निवेश के लिए एक विशेष प्रयोजन माध्यम (एसपीवी अर्थात स्पेशल पर्पज व्हीकल) स्थापित करेगा.
सौर परियोजना से संबंधित तथ्य
उपकरण की आपूर्ति भेल द्वारा की जाएगी.
विद्युत निष्क्रमण बुनियादी संरचना पीजीसीआईएल द्वारा स्थापित की जाएगी.
बिजली की बिक्री एसइसीआई द्वारा की जाएगी.
परिचालन और रखरखाव आरईआईएल करेगी.
परियोजना-प्रबंधन एसजेवीएनएल द्वारा किया जाएगा.
यह सोलर फोटो-वोल्टेइक पावर संयंत्र क्रिस्टलिन सिलिकॉन टेक्नोलॉजी पर आधारित पीवी मॉड्यूल्स का इस्तेमाल करेगा.
संयंत्र का जीवन 25 वर्ष होने का अनुमान लगाया गया है और उसके द्वारा 6400 मिलियन यूनिट ऊर्जा प्रति वर्ष सप्लाई किए जाने की आशा है.