दक्षिण सूडान और विद्रोहियों ने एक युद्धविराम-समझौते पर 23 जनवरी 2014 को हस्ताक्षर किए. लड़ाई बंद करने और
निरुद्ध किए गए लोगों के प्रश्न पर दोनों पक्षों में यह समझौता इथियोपिया की
राजधानी अदीस अबाबा में हुआ. समझौते में 24 घंटे के भीतर
लड़ाई बंद करने की बात कही गई है.
समझौते के अनुसार सरकार पूर्व राष्ट्रपति रीक मचार के नजदीकी 11 अधिकारियों को छोड़ने पर राजी हो गई है, जिन्हें देश में लड़ाई शुरू होने पर निरुद्ध कर लिया गया था. निरुद्ध किए गए लोगों की रिहाई की कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है.
इससे पूर्व सरकारी बलों ने विद्रोहियों के कब्जे वाले दो मुख्य शहरों पर पुन: अपना कब्जा कर लिया, जिन्होंने महीनेभर लंबी चली लड़ाई के दौरान 500000 लोगों को घर छोड़ने पर विवश कर दिया था. अमेरिका ने इस समझौते को पहला महत्त्वपूर्ण कदम बताते हुए इसका स्वागत किया. यूके ने कहा कि यह राष्ट्रीय समाधान की एक समावेशी प्रक्रिया है.
समझौते के अनुसार सरकार पूर्व राष्ट्रपति रीक मचार के नजदीकी 11 अधिकारियों को छोड़ने पर राजी हो गई है, जिन्हें देश में लड़ाई शुरू होने पर निरुद्ध कर लिया गया था. निरुद्ध किए गए लोगों की रिहाई की कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है.
इससे पूर्व सरकारी बलों ने विद्रोहियों के कब्जे वाले दो मुख्य शहरों पर पुन: अपना कब्जा कर लिया, जिन्होंने महीनेभर लंबी चली लड़ाई के दौरान 500000 लोगों को घर छोड़ने पर विवश कर दिया था. अमेरिका ने इस समझौते को पहला महत्त्वपूर्ण कदम बताते हुए इसका स्वागत किया. यूके ने कहा कि यह राष्ट्रीय समाधान की एक समावेशी प्रक्रिया है.
इस समझौते से देश में पूर्ण शांति कायम होने की संभावना है.
पृष्ठभूमि
राष्ट्रपति सलवा कीर और उनके पूर्व डिप्टी के बीच 15 दिसंबर 2013 को हुए राजनीतिक विवाद ने देश में व्यापक पैमाने पर जातीय हत्याओं में बढ़ोतरी कर दी थी. तब से अब तक 70000 नागरिकों ने पूरे दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र के ठिकानों पर शरण ले रखी है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार जातीय हत्याओं में 1000 से ज्यादा लोग मारे गए.
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