विश्व शक्तियों (पी 5+1) के
साथ एक अंतरिम समझौते के अनुसार ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के
लिए 20 जनवरी 2014 को समझौते पर
हस्ताक्षर किये. ईरान ने यूरेनियम संवर्धन गतिविधियों को रोकने का कार्य शुरू कर
दिया. विश्व शक्तियों से हुए समझौते के अनुसार ईरान को छह महीने के भीतर अपने
प्रमुख परमाणु उपकरणों में कटौती करना है.
समझौते से संबंधित तथ्य
• ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर 24 नवंबर 2013 को जिनेवा में पी 5+1 यानि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन के साथ जर्मनी एवं ईरान ने समझौते के सफल कार्यान्वयन पर बातचीत की.
• इस समझौते के तहत ईरान अपने 5 प्रतिशत से अधिक शुद्धता वाले यूरेनियम संवर्धन को रोकेगा एवं लगभग 20 प्रतिशत शुद्धता वाले संवर्धित यूरेनियम को प्रभावहीन करेगा.
• ईरान निरीक्षकों को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों तक जाने देगा.
• ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने में सफल समझौता अमेरिका द्वारा यूरोप में मिसाइल–रोधी ढाल (एंटी– मिसाइल शिल्ड) बनाने की जरूरत को खत्म कर देगा. मिसाइल– रोधी ढाल जो 2020 तक पूरा होना है, वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की ईरान के सन्दर्भ में आईएईए की रिपोर्ट के अनुसार
• ईरान में यूरेनियम संवर्धन का कार्य रोक दिया गया है. यूरोपीय संघ एवं संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों में से कुछ प्रतिबंधों को निलंबित किया जायेगा.”
• ईरान ने यूरेनियम के भंडारो को कम करना शुरू कर दिया है. इससे पूर्व ईरान में 20 प्रतिशत की विखंडनीय सांद्रता को समृद्ध बनाया गया था.
• इस तथ्य की भी पुष्टि हो गयी है, कि ईरान ने रिएक्टर ईंधन बनाने एवं बम के निर्माण के उत्पादन के लिए ऑक्साइड के भंडार में से कुछ को परिवर्तित करना शुरू कर दिया है.
• अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने पुष्टि कर दी है, कि ईरान में U-235 में 5 प्रतिशत से ऊपर यूरेनियम संवर्धन नहीं रह गया है. दो पायलट ईंधन संवर्धन संयंत्र एवं चार ईंधन संवर्धन संयंत्र का पहले इस उद्देश्य के लिए प्रयोग किया गया है.
विदित हो की अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने समझौते के बाद ईरान का दौरा किया था और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी.
समझौते से संबंधित तथ्य
• ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर 24 नवंबर 2013 को जिनेवा में पी 5+1 यानि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन के साथ जर्मनी एवं ईरान ने समझौते के सफल कार्यान्वयन पर बातचीत की.
• इस समझौते के तहत ईरान अपने 5 प्रतिशत से अधिक शुद्धता वाले यूरेनियम संवर्धन को रोकेगा एवं लगभग 20 प्रतिशत शुद्धता वाले संवर्धित यूरेनियम को प्रभावहीन करेगा.
• ईरान निरीक्षकों को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों तक जाने देगा.
• ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने में सफल समझौता अमेरिका द्वारा यूरोप में मिसाइल–रोधी ढाल (एंटी– मिसाइल शिल्ड) बनाने की जरूरत को खत्म कर देगा. मिसाइल– रोधी ढाल जो 2020 तक पूरा होना है, वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की ईरान के सन्दर्भ में आईएईए की रिपोर्ट के अनुसार
• ईरान में यूरेनियम संवर्धन का कार्य रोक दिया गया है. यूरोपीय संघ एवं संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों में से कुछ प्रतिबंधों को निलंबित किया जायेगा.”
• ईरान ने यूरेनियम के भंडारो को कम करना शुरू कर दिया है. इससे पूर्व ईरान में 20 प्रतिशत की विखंडनीय सांद्रता को समृद्ध बनाया गया था.
• इस तथ्य की भी पुष्टि हो गयी है, कि ईरान ने रिएक्टर ईंधन बनाने एवं बम के निर्माण के उत्पादन के लिए ऑक्साइड के भंडार में से कुछ को परिवर्तित करना शुरू कर दिया है.
• अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने पुष्टि कर दी है, कि ईरान में U-235 में 5 प्रतिशत से ऊपर यूरेनियम संवर्धन नहीं रह गया है. दो पायलट ईंधन संवर्धन संयंत्र एवं चार ईंधन संवर्धन संयंत्र का पहले इस उद्देश्य के लिए प्रयोग किया गया है.
विदित हो की अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने समझौते के बाद ईरान का दौरा किया था और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी.
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