भारतीय शिक्षक ने ब्रिटेन में आप्रवासन से संबंधित भय पर एक किताब लिखी-(13-JAN-2014) C.A

| Monday, January 13, 2014
इनोच, आई एम ए ब्रिटिश इंडियनः सारिंदेर जोशूहा दूरोच
ब्रिटेन में भारतीय मूल के शिक्षक तथा यूके इंडिपेंडेंस पार्टी के सदस्य, सारिंदेर जोशूगा दूरोच ने इनोच, आई एम ए ब्रिटिश इंडियन एक पुस्तक लिखी. सारिंदेर जोशूगा दूरोच ने अपनी इस पुस्तक में ब्रिटेन की जटिल आप्रवासन से संबंधित भय (immigration) आशंकाओं के बढ़ते मुद्दों को उठाया है और यूरोपीय संघ के मुक्त सीमा संबंधी नीतियों (Open Borders Policy) के बारे में अपने विचार व्यक्त किए हैं.
पुस्तक के शीर्षक इनोच, आई एम ए ब्रिटिश इंडियन का विमोचन फरवरी 2013 में किया जाना है. यह पुस्तक कंजर्वेटिव सासंद इनोच पावेल के भाषण इनफेमस रिवर्स ऑफ ब्लड का जवाब है जिसमें पावेल ने 1950 और 1960 के दशक में राष्ट्रमंडल देशों से होने वाले आप्रवासन की आलोचना की थी.
लेखक दूरोच यूके इंडिपेंडेंस पार्टी के सदस्य है जो देश में आव्रजन पर सख्त प्रतिबंध के लिए अभियान चला रहे हैं. पंजाब से तालुक रखने वाले इस लेखक के दादादादी 1940 में भारत से ब्रिटेन गए थे और फिर वहीं बस गए थे.
लेखक दूरोच की पुस्तक ऐसे समय में आई है जब इस साल काम पर प्रतिबंध हटाने के बाद बुल्गारिया और रोमानिया जैसे यूरोपीय संघ के नई देशों में इस मुद्दे पर चिंता और बहस दोनों ही बढ़े हुए हैं.
विदित हो कि 1 जनवरी 2014 को ब्रिटेन ने आव्रजन में बढ़ोतरी के उद्देश्य से बुल्गारिया और रोमानिया से काम पर लगा प्रतिबंध हटा लिया था. इन दोनों ही देशों के नागरिकों को 2007 से यूके में काम करने की इजाजत सिर्फ तब मिलती थी जब उनके पास खुद का काम, नौकरी या वे विशेषज्ञ होते थे.
ऑस्ट्रिया, स्पेन और नीदरलैंड के साथ ब्रिटेन प्रतिबंध हटाने वाले नौ सदस्य देशों में से एक है.


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