प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 अक्टूबर 2015 को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसयू) के तहत तीन नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना को मंजूरी दे दी है. ये संस्थान महाराष्ट्र के नागपुर, आंध्र प्रदेश के मंगलागिरी और पश्चिम बंगाल के कल्याणी में स्थापित किए जाएंगे. इसमें 4949 करोड़ रुपये के वित्तीय निहितार्थ समाहित हैं.
इन नए एम्स की स्थापना राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के तौर पर की जाएगी जिसके जरिए गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा और नर्सिंग शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी. इसके अलावा स्थानीय लोगों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी. इन प्रस्ताविक संस्थानों में 960 बिस्तर की क्षमता वाले अस्पताल होंगे. इसके अतिरिक्त यहां अध्यापन ब्लॉक, प्रशासनिक ब्लॉक, आयुष ब्लॉक, ऑडिटोरियम नर्सिंग कॉलेज, रैन बसेरा, होस्टल और रिहायशी सुविधाएं भी होंगी.
इन नए एम्स की स्थापना राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के तौर पर की जाएगी जिसके जरिए गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा और नर्सिंग शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी. इसके अलावा स्थानीय लोगों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी. इन प्रस्ताविक संस्थानों में 960 बिस्तर की क्षमता वाले अस्पताल होंगे. इसके अतिरिक्त यहां अध्यापन ब्लॉक, प्रशासनिक ब्लॉक, आयुष ब्लॉक, ऑडिटोरियम नर्सिंग कॉलेज, रैन बसेरा, होस्टल और रिहायशी सुविधाएं भी होंगी.
4949 करोड़ रुपये के कुल खर्च में से आंध्र प्रदेश के मंगलागिरी वाले एम्स के लिए 1618 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र के नागपुर में बनने वाले एम्स के लिए 1577 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल के कल्याणी में बनने वाले एम्स के लिए 1754 करोड़ रुपये होंगे.
इन एम्स की स्थापना होने से किफायती, विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों तक पहुंच सकेगी. अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में क्षेत्रीय असंतुलन दूर होगा. इससे इन क्षेत्रों में अच्छी चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध होगी और यहां हल्थेकेयर पेशवरों की कमी भी पूरी होगी.
इस परियोजना से आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र (विदर्भ) और पश्चिम बंगाल की विशाल जनसंख्या और उनके साथ सटे हुए राज्यों को फायदा पहुंचेगा.
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत 6 नए एम्स शुरू हो चुके हैं. रायबरेली में एम्स का निर्माण कार्य अभी प्रगति पर है.
इन एम्स की स्थापना होने से किफायती, विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों तक पहुंच सकेगी. अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में क्षेत्रीय असंतुलन दूर होगा. इससे इन क्षेत्रों में अच्छी चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध होगी और यहां हल्थेकेयर पेशवरों की कमी भी पूरी होगी.
इस परियोजना से आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र (विदर्भ) और पश्चिम बंगाल की विशाल जनसंख्या और उनके साथ सटे हुए राज्यों को फायदा पहुंचेगा.
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत 6 नए एम्स शुरू हो चुके हैं. रायबरेली में एम्स का निर्माण कार्य अभी प्रगति पर है.
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