दीर्घावधि संकट के दौरान खाद्य सुरक्षा और पोषण हेतु फ्रेमवर्क को मंजूरी-(23-OCT-2015) C.A

| Friday, October 23, 2015
विश्व खाद्य सुरक्षा समिति (सीएफएस) की बैठक में 16 अक्टूबर 2015 को, इटली स्थित रोम में, दीर्घावधि संकट के दौरान खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए कार्रवाई हेतु फ्रेमवर्क को मंजूरी दी गयी. 

इसका उद्देश्य दीर्घावधि संकट के समय भूख का समाधान करना है. इसकी प्राप्ति हेतु 3 क्षेत्रों में निम्नलिखित 11 सिद्धान्तों का पालन किया जाएगा.

क्षेत्र 1. महत्वपूर्ण अभिव्यक्तियों का सामना करना और लचीलेपन का निर्माण करना.
सिद्धान्त 1. तत्काल मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करना और लचीले आजीविका स्रोतों का निर्माण करना.
सिद्धान्त 2. विशेष चुनौतियों से निपटने में पोषण का ध्यान रखना.
क्षेत्र 2. विशिष्ट चुनौतियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना
सिद्धान्त 3. प्रभावित आबादी तक पहुंचना.
सिद्धान्त 4. दीर्घावधि संकट से प्रभावित अथवा संकट की दशा में लोगों की रक्षा करना.
सिद्धान्त 5. महिलाओं एवं कन्याओं को सशक्त बनाना, लैंगिक समानता को बढ़ावा देना एवं तथा लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ावा देना.
सिद्धान्त 6. व्यापक सबूत के आधार पर विश्लेषण का समर्थन व सुनिश्चित करना
सिद्धान्त 7. राष्ट्र में , भागीदारी, समन्वय और हितधारकता को मजबूत बनाना
सिद्धान्त 8. प्रभावी वित्तपोषण को बढ़ावा देना
क्षेत्र 3. दीर्घावधि संकट के समय खाद्य संकट एवं पोषण के कारणों का समाधान ढूंढना
सिद्धान्त 9. खाद्य सुरक्षा एवं पोषण द्वारा शांति स्थापना करना.
सिद्धान्त 10. प्राकृतिक संसाधनों का उचित प्रबंधन करना एवं आपदा के खतरों को कम करना.
सिद्धान्त 11. प्रभावी स्थानीय एवं राष्ट्रीय गवर्नेंस का प्रसार करना.

महत्व
दीर्घावधि संकट से जूझ रहे देशों में खाद्य संकट विकासशील देशों से तीन गुना अधिक है. इस फ्रेमवर्क में खाद्य असुरक्षा से निपटने के लिए सतत विकास मॉडल एवं लम्बे समय तक बेहतर हल प्रदान किया गया है ताकि यूएन सतत विकास लक्ष्य हासिल किये जा सकें.

सी एफ एस 

•    विश्व खाद्य सुरक्षा समिति की स्थापना वर्ष 1974 में की गयी थी.
•    यह एक अंतर-सरकारी बॉडी है जो खाद्य सुरक्षा नीतियों को लागू करने में सहायता करती है.
•    यह संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक समिति को वार्षिक रिपोर्ट सौंपता है.
•    इसमें सदस्य, भागीदार एवं प्रेक्षक शामिल हैं.
•    इसकी सदस्यता सभी खाद्य और कृषि संगठन सदस्यों, अन्तरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष, विश्व खाद्य कार्यक्रम के सदस्यों लिए खुली है.

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