भारत के दो पर्वतारोहियों अर्जुन वाजपेयी तथा भुपेश कुमार ने अक्टूबर 2015 के तीसरे सप्ताह में हिमाचल की स्पीती घाटी में 6180 मीटर उंचे एक अनाम पर्वत पर चढ़ाई कर के इतिहास रचा. इन दोनों पर्वतारोहियों ने इस पर्वत का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम के सम्मान में माउंट कलाम रखा.
माउंट कलाम बड़ा-शिगरी ग्लेशियर के नजदीक स्थित है. यह हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा ग्लेशियर है. बड़ा-शिगरी ग्लेशियर हिमालय पर्वतमाला में गंगोत्री के बाद सबसे लम्बा ग्लेशियर है, इसकी लम्बाई 30 किलोमीटर है.
माउंट कलाम बड़ा-शिगरी ग्लेशियर के नजदीक स्थित है. यह हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा ग्लेशियर है. बड़ा-शिगरी ग्लेशियर हिमालय पर्वतमाला में गंगोत्री के बाद सबसे लम्बा ग्लेशियर है, इसकी लम्बाई 30 किलोमीटर है.
अर्जुन वाजपेयी तथा भुपेश कुमार क्रमशः नोएडा तथा बुलंदशहर के रहने वाले हैं. उन्होंने अपना यह अभियान 8 अक्टूबर 2015 को आरंभ किया तथा 14 अक्टूबर 2015 को पर्वत के शिखर पर भारतीय ध्वज फहराकर समाप्त किया. वे 20 अक्टूबर 2015 को वापस लौटे.
इससे पहले वर्ष 2010 में वाजपेयी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बने थे. उन्होंने 16 वर्ष की आयु में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की जबकि भुपेश को यह उपलब्धि 17 वर्ष की आयु में प्राप्त हुई थी.
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