गिद्ध संकट से निपटने के लिए अनुबंध 1 में 12 गिद्ध प्रजातियों को शामिल किया गया-(16-OCT-2015) C.A

| Friday, October 16, 2015
प्रवासी पक्षियों के संरक्षण संबंधी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले देशों की द्वितीय बैठक में गिद्ध की 12 प्रजातियों समझौते के अनुबंध एक में जोड़ने का फैसला किया गया है.
यह बैठक 5 अक्टूबर 2015 से 8 अक्टूबर 2015 के मध्य ट्रॉनहैम, नार्वे में आयोजित की गई थी. 
गिद्धों की जिन 12 प्रजातियों को अनुबंध में शामिल किया गया है उसमे हूडेड और सफ़ेद पूँछ वाले  गिद्ध शामिल हैं.
बैठक की अन्य विशेषताएँ

• बैठक में अफ्रीकी देश कोमोरोस ने समझौता ज्ञापन पर 53वें सदस्य के रूप में हस्ताक्षर किए हैं. 
• सदस्य  देशों ने गिद्ध, चील, हाक, बाज और उल्लू के संरक्षण के लिए एकीकृत रूप से कार्य करने के लिए सहमत हुए.
• गिद्धों की संख्या में गिरावट को रोकने के लिए ईरान ने डिक्लोफेनाक नामक दवा पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की.
• वर्तमान में गिद्धों की संख्या में गिरावट का मूल कारण अवैध रूप से व्यापार, जहरीले रसायन हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं.

जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर कन्वेंशन (सीएमएस) का उद्देश्य स्थलीय और जलीय प्रवासी प्रजातियों का संरक्षण करना है. यह एक अंतर-सरकारी संधि है जो संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के अंतर्गत कार्य करती है. ब्राजील के प्रवेश के पश्चात यूरोपीय संघ सहित इसमें 122 सदस्य हैं.

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