चीन और इंडोनशिया ने 16 अक्टूबर 2015 को इंडोनशिया में पहली तीव्र गति की रेल के निर्माण हेतु 5.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का समझौता किया. रेल निर्माण का यह समझौता बीजिंग ने टोक्यो को पछाड़ते हुए किया.
जापान पिछले काफी लम्बे समय से यह समझौता करना चाहता था लेकिन वर्ष 2015 में चीन भी इस दौड़ में शामिल हो गया. परिणामस्वरूप सितंबर 2015 में टोक्यो को अस्वीकार करते हुए बीजिंग को यह निर्माण कार्य प्राप्त हुआ.
इस परियोजना का कार्यान्वयन राज्य सरकार द्वारा अधिकृत चाइना रेलवे इंटरनेशनल एवं इंडोनेशिया की कम्पनियों द्वारा किया जायेगा. इस विषय में चाइना रेलवे इंटरनेशनल के चेयरमैन, यांग ज्होंग्मिन ने इंडोनेशिया के साथ निर्माण परियोजना हेतु संयुक्त उद्यम स्थापित करने के उद्देश्य से समझौते पर हस्ताक्षर किये.
जापान पिछले काफी लम्बे समय से यह समझौता करना चाहता था लेकिन वर्ष 2015 में चीन भी इस दौड़ में शामिल हो गया. परिणामस्वरूप सितंबर 2015 में टोक्यो को अस्वीकार करते हुए बीजिंग को यह निर्माण कार्य प्राप्त हुआ.
इस परियोजना का कार्यान्वयन राज्य सरकार द्वारा अधिकृत चाइना रेलवे इंटरनेशनल एवं इंडोनेशिया की कम्पनियों द्वारा किया जायेगा. इस विषय में चाइना रेलवे इंटरनेशनल के चेयरमैन, यांग ज्होंग्मिन ने इंडोनेशिया के साथ निर्माण परियोजना हेतु संयुक्त उद्यम स्थापित करने के उद्देश्य से समझौते पर हस्ताक्षर किये.
समझौते की विशेषताएं
• तीव्र गति रेलवे लाइन इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता को पहाड़ी इलाके बांडुंग से जोड़ेगी, इसकी लम्बाई लगभग 160 किलोमीटर (100 मील) होगी.
• चाइना डेवलपमेंट बैंक, इस परियोजना का 75 प्रतिशत फंड मुहैया कराएगी, बाकी रकम चीन की रेलवे कंपनी एवं इंडोनशिया की कंपनियों के संघ द्वारा दी जाएगी.
• इस रेलवे लाइन के लिए इंडोनशिया सरकार से वित्तीय सहायता एवं सरकारी गारंटी नहीं ली जाएगी.
• इस रूट में जकार्ता से बांडुंग तक आठ स्टेशन बनाये जायेंगे, ट्रेन की गति 250 किलोमीटर (150 मील) प्रति घंटा होगी.
इस परियोजना के पूरा होने से नागरिकों को अवागमन में सुविधा प्राप्त होगी. देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हेतु विभिन्न रोज़गार भी उपलब्ध कराये जायेंगे.
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