चार राज्यों के ग्रीन इण्डिया मिशन को मंजूरी-(14-OCT-2015) C.A

| Wednesday, October 14, 2015
राष्ट्रीय ग्रीन इंडिया मिशन (जीआईएम) की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद (एनईसी) की द्वितीय बैठक के दौरान 9 अक्टूबर 2015 को चार राज्यों- मिजोरम, मणिपुर, केरल और झारखंड द्वारा प्रस्तुत संभावित योजनाएं एवं संचालनों की वार्षिक योजना (एपीओ) को मंजूरी दी गई. 
पांच से दस वर्षों की एक योजना अवधि के लिए 90202.68 लाख रुपए के कुल विततीय परिव्य्य के साथ सभी चार राज्यों की संभावित योजनाओं को 11195.32 लाख रुपए के एपीओ के साथ चालू वित्त वर्ष के लिए मंजूरी दे दी गई है. कुल योजना अवधि के दौरान जीआईएम के तहत इन चार राज्यों में कुल वन एवं गैर-वन क्षेत्र 108335 हेक्टेरयर लिए जाएंगे जिसमें से 81939 हेक्टेयर वर्तमान वनों के घनत्व को बेहतर करने के लिए तथा 16396 हेक्टेयर नए क्षेत्रों के लिए उपयोग में लाए जाएंगे. चालू वित्त  वर्ष के लिए यह क्रमश: 28250 हेक्टेयर और 7827 हेक्टेएयर होगा. चालू वित्त वर्ष के लिए 27032 परिवारों तथा पूरी योजना अवधि के लिए 81233 परिवारों के लिए बायोगैस, सौर उपक्रम, एलपीजी, बायोमास आधारित प्रणाली एवं बेहतर स्टोर जैसे वैकल्पिक ऊर्जा उपकरणों के लिए मंजूरी दे दी गई है. यह वनों पर दबाव घटाने, कार्बन एवं अन्य संबंधित लाभों को बढ़ाने में मददगार होगा.
राष्ट्रीय जलावायु परिवर्तन कार्य योजना (एनएपीसीसी) के तहत रेखांकित 8 मिशनों में से एक मिशन जीआईएन वनों के उस प्रभाव को स्वीकार करता है, जिसका जलवायु परिवर्तन शमन, वन पर निर्भर समुदायों की खाद्य सुरक्षा, जल सुरक्षा, जैव विविधता संरक्षण एवं आजीविका सुरक्षा के जरिए पर्यावरण को बेहतर बनाने पर पड़ता है. यह अभियान योजना निर्माण, नीति निर्माण, क्रियान्व्यन एवं निगरानी में जमीनी स्तर के संगठनों एवं समुदायों को शामिल करने के विकेंद्रित भागीदारीपूर्ण दृष्टिकोण पर निर्भर करता है. इसमें एक समग्र एवं टिकाऊ तरीके से वनों एवं उनके समीपवर्ती क्षेत्रों के विकास में बेहतर क्रियान्व्यन के लिए पूरक एवं कार्यक्रमों के साथ परिदृश्य दृष्टिकोण एवं समन्वय पर जोर दिया गया है. 
9 अक्टूोबर, 2015 को आयोजित इस बैठक में एनईसी के सदस्य, अंत: मंत्री स्तरीय विशेषज्ञ, मिशन के निदेशक, वन के प्रमुख मुख्य् पर्यवेक्षक (पीसीसीएफ) एवं चार राज्यों के नोडल अधिकारियों ने भाग लिया. इस बैठक की अध्यक्षता पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव अशोक लवासा द्वारा की गई. सचिव ने परिदृश्यों की परिपूर्णता और आवश्यक निवेश सुनिश्चित करने के लिए पूरक योजनाओं/कार्यक्रमों के साथ समन्वय अवसरों पर कार्य करने में राज्यों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की.

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