राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 23 अक्टूबर 2015 को संगीत, कला एवं नाटक के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विभिन्न क्षेत्रों के 39 कलाकारों को वर्ष 2014 के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया.
मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह में वर्ष 2014 के लिए चार कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप (अकादमी रत्न सदस्यता) एवं 35 कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदान किये, जबकि एक कलाकार पुरस्कार लेने नहीं आए.
संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप पुरस्कार पाने वालों में एस. आर. जानकीरमण, एम. एस. सत्यु, विजय कुमार किचलू और तुलसीदास वसंत बोरकर शामिल हैं.
अकादमी फेलोशिप पुरस्कार पाने वाले कलाकारों को ताम्रपत्र और तीन लाख रूपये का चेक तथा अकादमी पुरस्कार पाने वालों को एक प्रशस्ति पत्र एवं एक लाख रूपये का चेक प्रदान किया गया.
मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह में वर्ष 2014 के लिए चार कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप (अकादमी रत्न सदस्यता) एवं 35 कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदान किये, जबकि एक कलाकार पुरस्कार लेने नहीं आए.
संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप पुरस्कार पाने वालों में एस. आर. जानकीरमण, एम. एस. सत्यु, विजय कुमार किचलू और तुलसीदास वसंत बोरकर शामिल हैं.
अकादमी फेलोशिप पुरस्कार पाने वाले कलाकारों को ताम्रपत्र और तीन लाख रूपये का चेक तथा अकादमी पुरस्कार पाने वालों को एक प्रशस्ति पत्र एवं एक लाख रूपये का चेक प्रदान किया गया.
संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप एवं संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों को सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मान माना जाता है, जो प्रदर्शन कलाकारों एवं शिक्षकों तथा प्रदर्शन कलाओं के क्षेत्र से जुड़े विद्वानों को प्रदान किया जाता है.
राष्ट्रपति ने जिन 35 कलाकारों को अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया, उनमें अश्विनी भिड़े देशपांडे, नाथ नेरालकर, नयन घोष, रोनू मजूमदार, असगर वजाहत, उमा डोगरा, सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ, रामदयाल शर्मा, अब्दुल रशीद हफीज और कलामंडलम राम मोहन शामिल हैं.
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