केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा 18 अक्टूबर 2015 को को चार श्रेणियों -आयातित दालों, निर्यातकों के पास मौजूद दालों, लाइसेंसी खाद्य प्रसंस्करण इकाई द्वारा उपयोग की जाने वाली दालों और बड़ी रिटेल श्रंखला में दालों की भंडारण सीमा तय की करने की घोषणा की गयी.
दालों की उपलब्धता बढ़ाने एवं जमाखोरी रोकने हेतु सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत आदेश में तत्काल प्रभाव से संशोधन किया है. इस संबंध में सितंबर 2015 में आदेश जारी किया गया था जो 30 सितंबर 2016 तक प्रभावी रहेगा.
दालों की उपलब्धता बढ़ाने एवं जमाखोरी रोकने हेतु सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत आदेश में तत्काल प्रभाव से संशोधन किया है. इस संबंध में सितंबर 2015 में आदेश जारी किया गया था जो 30 सितंबर 2016 तक प्रभावी रहेगा.
कीमतों पर नियंत्रण के लिए निम्नलिखित कदम उठाये गये :
• दालों के आयात पर शून्य आयात शुल्क बढ़ाया गया.
• मूल्य स्थिरीकरण कोष से 5,000 टन दालों का आयात किया गया
• अरहर दाल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढाकर प्रति कुंटल 4,625 रूपये और मूंग दाल पर प्रति कुंटल 4,850 रूपये कर दिया गया
• दालों के आयात को बढ़ावा एवं बफर स्टॉक को बनाया गया.
• आयातित दालों के परिवहन, हैंडलिंग एवं मिल तक पहुंचने के खर्च को मूल्य स्थिरता कोष के तहत लाया गया.
• राज्य सरकारें आयातित दालों की जमाखोरी हटाने पर बल देंगी.
• दालों को केंद्रीय भंडार एवं सफल केन्द्रों द्वारा कम कीमतों पर बेचा जायेगा.
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