अगस्त 2015 में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) में 6.4% प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. इसके साथ आईआईपी में वृद्धि करीब 3 साल की ऊंचाई पर आ गई. जुलाई में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन वृद्धि दर 4.2 फीसदी रही थी. अक्टूबर 2012 के बाद आईआईपी सबसे ज्यादा स्तरों पर दर्ज की गई.
उपरोक्त के साथ ही अगस्त 2015 में मैन्यूफैक्चरिंग वृद्धि दर बढ़कर 6.9 फीसदी हो गई जबकि जुलाई 2015 में मैन्यूफैक्चरिंग वृद्धि 4.7 फीसदी रही थी.
विदित हो कि अगस्त 2015 में कैपिटल गुड्स की वृद्धि दर काफी ज्यादा रही और ये 21.8 फीसदी हो गई जबकि जुलाई में कैपिटल गुड्स की वृद्धि 10.6 फीसदी दर्ज की गई थी. अगस्त 2015 में इंटरमीडिएट गुड्स की वृद्धि 2.6 फीसदी हो गई जबकि जुलाई 2015 में इंटरमीडिएट गुड्स की वृद्धि 1.5 फीसदी रही थी.
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