प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्य्क्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने 14 अक्टूबर 2015 को लटकी और सुस्त पड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने और उसके पूरा करने के लिए एकमुश्त राशि को मंजूरी दे दी है. यह स्वीकृति बीओटी (टोल) परियोजनाओं से लेकर बीओटी (वार्षिकी) के लिए उपलब्ध प्रावधानों के विस्तार के तहत की गई है.
इस निर्णय से इस वर्ष जून में एनएचएआई द्वारा बीओटी (टोल) परियोजना को विस्तृत करने के लिए एकमुश्त राशि देने पर जारी नीति परिपत्र के प्रावधानों को बीओटी (वार्षिकी) तक विस्तृत करने की अनुमित मिल जाएगी. 1 नवंबर, 2014 से लटकी पड़ी इस तरह की परियोजनाओं के लिए धन का एकमुश्त राशि के तौर पर वितरण किया जाएगा. इस तरह के सभी मामले और प्रत्येक मामले में जरूरी धनराशि प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत की जाएगी.
इस निर्णय से इस वर्ष जून में एनएचएआई द्वारा बीओटी (टोल) परियोजना को विस्तृत करने के लिए एकमुश्त राशि देने पर जारी नीति परिपत्र के प्रावधानों को बीओटी (वार्षिकी) तक विस्तृत करने की अनुमित मिल जाएगी. 1 नवंबर, 2014 से लटकी पड़ी इस तरह की परियोजनाओं के लिए धन का एकमुश्त राशि के तौर पर वितरण किया जाएगा. इस तरह के सभी मामले और प्रत्येक मामले में जरूरी धनराशि प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत की जाएगी.
इस निर्णय से देश में लटकी पड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में एक बार फिर से जान आएगी. इससे देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति और बेहतर होगी. साथ ही इससे आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी.
इस नीति को अपनाने से पीपीपी व्यवस्था में सभी प्रमुख हितधारकों - प्राधिकरण, ऋणदाता और डेवलपर, रियायतग्राहियों को फायदा होगा. यह क्षेत्र पुनर्जीवित होगा. इस क्षेत्र में नागरिक और यात्रियों को राहत मिलेगी.
इस नीति को अपनाने से पीपीपी व्यवस्था में सभी प्रमुख हितधारकों - प्राधिकरण, ऋणदाता और डेवलपर, रियायतग्राहियों को फायदा होगा. यह क्षेत्र पुनर्जीवित होगा. इस क्षेत्र में नागरिक और यात्रियों को राहत मिलेगी.
0 comments:
Post a Comment