अमेरिका की एक संघीय अदालत द्वारा 16 सितंबर 2015 को एप्पल इंक को आदेश दिया गया कि वह विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय को पेटेंट उल्लंघन मामले में 234 मिलियन डॉलर का भुगतान करे.
एप्पल पर विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के विस्कॉन्सिन एल्युमिनी रिसर्च फाउंडेशन (डब्ल्यूएआरएफ) ने बिना अनुमति के उसकी माइक्रोचिप प्रौद्योगिकी को अपने आईफोन और आईपैड में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था.
एप्पल पर विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के विस्कॉन्सिन एल्युमिनी रिसर्च फाउंडेशन (डब्ल्यूएआरएफ) ने बिना अनुमति के उसकी माइक्रोचिप प्रौद्योगिकी को अपने आईफोन और आईपैड में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था.
डब्ल्यूएआरएफ ने जनवरी 2014 में अदालत में याचिका दायर की थी और आरोप लगाया था कि उसके 1998 के "प्रेडिक्टर सर्किट" पेटेंट का प्रयोग बिना अनुमति के किया गया है. इस सर्किट को भारतीय मूल के गुरिंदर सोही और उनके तीन छात्रों ने बनाया था.
डब्ल्यूएआरएफ ने इसी पेटेंट पर 2008 में इटेंल कॉर्प पर भी केस किया था और इसके बदले उसे 110 मिलियन डॉलर मिले थे.
केस की सुनवाई करते हुए ज्यूरी इस निष्कर्ष पर पहुंची कि ऐपल के 5एस, 6 व 6 प्लस सहित आइपैड के विभिन्न वर्जन में इस्तेमाल किये गये ए7, ए8 और ए8एक्स प्रोसेसर, पेटेंट का उल्लंघन हैं. एप्पल ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने की बात कही है.
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