चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) स्थित ब्रहम्पुत्र नदी पर बनाये गये ज़ैम हाइड्रोपावर स्टेशन को 13 अक्टूबर 2015 को आरंभ कर दिया. यह विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर निर्मित हाइड्रोपावर स्टेशन है.
यहां पर पहली यूनिट ने नवम्बर 2014 से काम करना आरंभ कर दिया था जबकि वर्तमान परियोजना में पांच पावर ग्रिड को जोड़ा गया है.
ज़ैम हाइड्रोपावर स्टेशन की विशेषताएं
• यह ब्रहम्पुत्र नदी पर बनाया गया हाइड्रो पावर स्टेशन है, इस नदी को तिब्बत में यारलुंग ज़न्ग्बो के नाम से भी जाना जाता है.
• इसका निर्माण दक्षिण पूर्व चीन में शैनेन प्रीफेक्चर में 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से हुआ है.
• यह प्रतिवर्ष 2.5 बिलियन किलोवाट विद्युत् का उत्पादन करता है.
यहां पर पहली यूनिट ने नवम्बर 2014 से काम करना आरंभ कर दिया था जबकि वर्तमान परियोजना में पांच पावर ग्रिड को जोड़ा गया है.
ज़ैम हाइड्रोपावर स्टेशन की विशेषताएं
• यह ब्रहम्पुत्र नदी पर बनाया गया हाइड्रो पावर स्टेशन है, इस नदी को तिब्बत में यारलुंग ज़न्ग्बो के नाम से भी जाना जाता है.
• इसका निर्माण दक्षिण पूर्व चीन में शैनेन प्रीफेक्चर में 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से हुआ है.
• यह प्रतिवर्ष 2.5 बिलियन किलोवाट विद्युत् का उत्पादन करता है.
टिप्पणी
भारत में इस परियोजना को लेकर यह आशंका जताई जा रही है कि इससे अंतर्गत किये गये जल बहाव से भारत के अरुणाचल प्रदेश का निचला हिस्सा प्रभावित हो सकता है.
यह एक रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है जो द्विपक्षीय संस्थागत व्यवस्था (2008) द्वारा नदी के पानी को प्रयोग किये जाने के बारे में जानकारी प्रदान करती है. आशा जताई जा रही है कि इससे दोनों देशों के संबंधों में कोई तनाव नहीं आएगा.
भारत में इस परियोजना को लेकर यह आशंका जताई जा रही है कि इससे अंतर्गत किये गये जल बहाव से भारत के अरुणाचल प्रदेश का निचला हिस्सा प्रभावित हो सकता है.
यह एक रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है जो द्विपक्षीय संस्थागत व्यवस्था (2008) द्वारा नदी के पानी को प्रयोग किये जाने के बारे में जानकारी प्रदान करती है. आशा जताई जा रही है कि इससे दोनों देशों के संबंधों में कोई तनाव नहीं आएगा.
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