वैश्विक
सुरक्षा, न्याय और शासन ( CSJG) ने 16 जून 2015 को हेग में कंफ्रंटिग द क्राइसिस ऑफ
ग्लोबल गवर्नेंस ( वैश्विक प्रशासन के संकट का मुकाबला) नाम से एक रिपोर्ट जारी
की. इसमें संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में सुधार लाने के उद्देश्य से कई प्रस्ताव दिए
गए हैं.
आयोग की सह अध्यक्षता भूतपूर्व अमेरिकी सचिव और संयुक्त राष्ट्र राजदूत मेडेलेनिन के. ऑलब्राइट और भूतपूर्व नाइजीरियन विदेश मंत्री एवं राजनीतिक मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र के अंडर– सेक्रेटरी–जनरल इब्राहीम ए. गंबारी ने की.
रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठन कमजोर देशों में होने वाले व्यापक हिंसा, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक आर्थिक झटकों तक फैली वैश्विक चुनौतियां का सामना करने के लिए तैयार नहीं है. इसके लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठनों को बहुत कुछ करने की जरूरत है.
संयुक्त राष्ट्र को वैश्विक प्रशासन के लिए विभिन्न प्रकार के सरकारी, निजी और मिश्रित संगठनों जिन्हें इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों के लिए डिजाइन किया गया है, के साथ अधिक सक्षम उपकरणों की जरूरत है. इन चुनौतियों का सामना करने के लिए रिपोर्ट राष्ट्रीय सीमाओं के पार करने के लिए सुधार के सुझाव देती है.
आयोग की सिफारिशें
अगली पीढ़ी की संघर्ष मध्यस्थता और शांति अभियान क्षमता-आयोग संकट एवं संघर्ष की रोकथाम एवं शांति– बहाल करने के लिए महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के साथ अनुभवी मध्यस्थता प्रदान करने के लिए उत्तरदायी क्षमता निर्माण करने की बात करता है. साथ ही यह नागरिकों, पुलिस और सैन्य कर्मियों को तत्काल शांति बहाली की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैनात करने हेतु भी क्षमता निर्माण की सलाह देता है.
रोकने, रक्षा करने और पुनर्निर्माण के लिए जिम्मेदारी को मजबूत बनाना- यह अत्याचारों की रोकथाम जो कि सभी संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और कार्यक्रमों में शामिल है, के लिए कार्य योजना की रक्षा हेतु क्षमताओं और जिम्मेदारियों में निवेश का सुझाव देता है.
जलवायु प्रशासन को नया बनाना-संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय व्यवस्थआओं, उप– राष्ट्रीय अधिकारियों और नागरिक समाज एवं व्यवसाय समूहों के बीच नए प्रकार के संबंधों की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए, ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन क्लियरिंगहाउस,अंतरराष्ट्रीय कार्बन निगरानी निकाय की स्थापना करना और जलवायु अनुकूलन के लिए वैश्विक लक्ष्य परिभाषित करना.
ग्रीन क्लाइमेट फंड के तहत ग्रीन टेक्नोलॉजी लाइसेंसिंग की सुविधा विकसित करना–आयोग ने जलवायु शमन और अनुकूलन के लिए खासतौर पर विकासशील देशों में अतिसंवेदनशील आबादी के सहयोग से निजी क्षेत्र के नवाचार का दोहन करने का सुझाव दिया है.
आर्थिक स्थिरता और सतत विकास के लिए G20+ बनाना-सीमा–पार वित्तीय झटकों को फैलने से रोकने, समावेशी आर्थिक सुधार और समान विकास को बढ़ावा देने के लिए G20–यूएन–ब्रेट्टन वुड्स संस्थागत समन्वय को बढ़ाने का सुझाव दिया है.
हर एक के लिए सुरक्षित इंटरनेट एक्सेस को बढ़ावा देना- साइबर हमलों से बचने के लिए वैश्विक क्षमता जिसमें इंटरपोल और नेशनल कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम्स ( सर्ट्स) के जरिए साइबरक्राइम केंद्रों का वैश्विक नेटवर्क विकसित करना शामिल है.
समावेशी यूएन वैश्विक भागीदारी का निर्माण-महिलाओं के अधिकार, प्रवास और नए सामाजिक कॉम्पैक्ट के जरिए आधुनिक कार्यबल को प्रशिक्षण देना जैसे दबे हुए नीतिगत मुद्दों को सामने लाना और एक नया हब बनाना जहां संयुक्त राष्ट्र की पूरी प्रणाली नागरिक और व्यावसायिक समुदाय की विशेषज्ञता का लाभ उठा सके.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार-ऐसे में जब परिषद के प्रतिनिधित्व की वैधता बढ़ रही है, राष्ट्रों, क्षेत्रीय संगठनों, स्थानीय अधिकारियों के लिए और अधिक अवसर पैदा करना ताकि वे शांतिप्रक्रिया और शांति बनाए रखने में योगदान कर सकें.
संयुक्त राष्ट्र शांति निर्माण परिषद की स्थापना- शांति निर्माण आयोग को नए समन्वय अधिकारियों, नए वित्तीय और ज्ञान संसाधनों और रोकथाम जिसमें शांति निर्माण लेखापरीक्षा शामिल है के साथ परिषद में बदलना.
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का पूरा उपयोग–अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायमूर्ति के अधिकार क्षेत्र की स्वीकृति का विस्तार करें और नए तरीकों में इनके आधिकारिक सलाहकार राय का अधिक सक्रिए उपयोग करें.
संयुक्त राष्ट्र संसदीय नेटवर्क बनाना-आयोग ने वैश्विक संस्थानों में आवाज बुलंद कर बड़े पैमाने पर जागरुकता पैदा कर संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए एक संसदीय सलाहकार निकाय की स्थापना करने की सिफारिश की है.
आयोग की सह अध्यक्षता भूतपूर्व अमेरिकी सचिव और संयुक्त राष्ट्र राजदूत मेडेलेनिन के. ऑलब्राइट और भूतपूर्व नाइजीरियन विदेश मंत्री एवं राजनीतिक मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र के अंडर– सेक्रेटरी–जनरल इब्राहीम ए. गंबारी ने की.
रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठन कमजोर देशों में होने वाले व्यापक हिंसा, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक आर्थिक झटकों तक फैली वैश्विक चुनौतियां का सामना करने के लिए तैयार नहीं है. इसके लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठनों को बहुत कुछ करने की जरूरत है.
संयुक्त राष्ट्र को वैश्विक प्रशासन के लिए विभिन्न प्रकार के सरकारी, निजी और मिश्रित संगठनों जिन्हें इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों के लिए डिजाइन किया गया है, के साथ अधिक सक्षम उपकरणों की जरूरत है. इन चुनौतियों का सामना करने के लिए रिपोर्ट राष्ट्रीय सीमाओं के पार करने के लिए सुधार के सुझाव देती है.
आयोग की सिफारिशें
अगली पीढ़ी की संघर्ष मध्यस्थता और शांति अभियान क्षमता-आयोग संकट एवं संघर्ष की रोकथाम एवं शांति– बहाल करने के लिए महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के साथ अनुभवी मध्यस्थता प्रदान करने के लिए उत्तरदायी क्षमता निर्माण करने की बात करता है. साथ ही यह नागरिकों, पुलिस और सैन्य कर्मियों को तत्काल शांति बहाली की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैनात करने हेतु भी क्षमता निर्माण की सलाह देता है.
रोकने, रक्षा करने और पुनर्निर्माण के लिए जिम्मेदारी को मजबूत बनाना- यह अत्याचारों की रोकथाम जो कि सभी संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और कार्यक्रमों में शामिल है, के लिए कार्य योजना की रक्षा हेतु क्षमताओं और जिम्मेदारियों में निवेश का सुझाव देता है.
जलवायु प्रशासन को नया बनाना-संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय व्यवस्थआओं, उप– राष्ट्रीय अधिकारियों और नागरिक समाज एवं व्यवसाय समूहों के बीच नए प्रकार के संबंधों की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए, ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन क्लियरिंगहाउस,अंतरराष्ट्रीय कार्बन निगरानी निकाय की स्थापना करना और जलवायु अनुकूलन के लिए वैश्विक लक्ष्य परिभाषित करना.
ग्रीन क्लाइमेट फंड के तहत ग्रीन टेक्नोलॉजी लाइसेंसिंग की सुविधा विकसित करना–आयोग ने जलवायु शमन और अनुकूलन के लिए खासतौर पर विकासशील देशों में अतिसंवेदनशील आबादी के सहयोग से निजी क्षेत्र के नवाचार का दोहन करने का सुझाव दिया है.
आर्थिक स्थिरता और सतत विकास के लिए G20+ बनाना-सीमा–पार वित्तीय झटकों को फैलने से रोकने, समावेशी आर्थिक सुधार और समान विकास को बढ़ावा देने के लिए G20–यूएन–ब्रेट्टन वुड्स संस्थागत समन्वय को बढ़ाने का सुझाव दिया है.
हर एक के लिए सुरक्षित इंटरनेट एक्सेस को बढ़ावा देना- साइबर हमलों से बचने के लिए वैश्विक क्षमता जिसमें इंटरपोल और नेशनल कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम्स ( सर्ट्स) के जरिए साइबरक्राइम केंद्रों का वैश्विक नेटवर्क विकसित करना शामिल है.
समावेशी यूएन वैश्विक भागीदारी का निर्माण-महिलाओं के अधिकार, प्रवास और नए सामाजिक कॉम्पैक्ट के जरिए आधुनिक कार्यबल को प्रशिक्षण देना जैसे दबे हुए नीतिगत मुद्दों को सामने लाना और एक नया हब बनाना जहां संयुक्त राष्ट्र की पूरी प्रणाली नागरिक और व्यावसायिक समुदाय की विशेषज्ञता का लाभ उठा सके.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार-ऐसे में जब परिषद के प्रतिनिधित्व की वैधता बढ़ रही है, राष्ट्रों, क्षेत्रीय संगठनों, स्थानीय अधिकारियों के लिए और अधिक अवसर पैदा करना ताकि वे शांतिप्रक्रिया और शांति बनाए रखने में योगदान कर सकें.
संयुक्त राष्ट्र शांति निर्माण परिषद की स्थापना- शांति निर्माण आयोग को नए समन्वय अधिकारियों, नए वित्तीय और ज्ञान संसाधनों और रोकथाम जिसमें शांति निर्माण लेखापरीक्षा शामिल है के साथ परिषद में बदलना.
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का पूरा उपयोग–अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायमूर्ति के अधिकार क्षेत्र की स्वीकृति का विस्तार करें और नए तरीकों में इनके आधिकारिक सलाहकार राय का अधिक सक्रिए उपयोग करें.
संयुक्त राष्ट्र संसदीय नेटवर्क बनाना-आयोग ने वैश्विक संस्थानों में आवाज बुलंद कर बड़े पैमाने पर जागरुकता पैदा कर संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए एक संसदीय सलाहकार निकाय की स्थापना करने की सिफारिश की है.
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