लायंस पार्क और स्काजा चिड़ियाघर एवं तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर के मध्य जानवर विनिमय समझौता-(26-JUNE-2015) C.A

| Friday, June 26, 2015
याल्टा में ताइग्यान लायंस पार्क और स्काजा चिड़ियाघर ने केरल के तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर के साथ जानवर विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए. जून 2015 के चौथे सप्ताह में हस्ताक्षर किए गए इस समझौते के द्वारा दोनों एक दूसरे के साथ विभिन्न जानवरों का आदान-प्रदान कर सकेंगे.

समझौते के मुख्य तथ्य 
भारत से तीन हाथियों के निर्यात के बदले तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर को 2 सफेद शेर, 15 कोटिस,2  साइबेरियाई बाघ और पांच गिलहरी बन्दर प्रदान किया जायेगा.

हाथियों का निर्यात उसके महावत के साथ किया जायेगा.

ताइग्यान लायंस पार्क

इस पार्क की स्थापना क्रीमिया के बेलोगोर्स्की क्षेत्र के ताइग्यानस्की जलाशय के तट पर 2012 में किया गया था. शेर और अन्य प्रजातियों के विभिन्न नस्लों वाले पशुओं के संग्रह वाला यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा पार्क है.

इस चिड़ियाघर में 50 से अधिक अफ्रीकी शेर हैं जो 30 से अधिक हेक्टेयर क्षेत्र वाले क्रीमिया तलहटी में विचरण करने को स्वतंत्र हैं.

स्काजा चिड़ियाघर
यूक्रेन के याल्टा में स्थित स्काजा चिड़ियाघर की स्थापना स्थानीय व्यापारी ओलेग जुबकोव द्वारा 1995 में किया गया था.यह चिड़ियाघर 700 से अधिक जन्तुओं  तथा पक्षियों, सरीसृप, स्तनधारी, उभयचर और मछली की लगभग 120 प्रजातियों का निवास स्थल है. गौरतलब है कि स्काजा का अर्थ परियों की कहानी होता है.

तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर
तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित है.1857 में स्थापित यह चिड़ियाघर भारत और एशिया के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है.यह लगभग 55 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है.यह विश्व भर के लगभग 75 प्रजातियों का निवास स्थल है.

वस्तुतः इस चिड़ियाघर की स्थापना शाही बाघ, तेंदुआ, चीता, हिरण, जंगली सूअर और अन्य जंगली जानवरों के संरक्षण के लिए 1830 से 1847 के मध्य शासन करने वाले स्वाति थिरूनल राम वर्मा द्वारा किया गया था जिसे आगे चलकर उनके भाई उथारम थिरूनल ने 1857 में ब्रिटिश निवासी विलियम कलन के सहयोग से नेपियर संग्रहालय के एक अंग के रूप में एक चिड़ियाघर में परिवर्तित कर दिया.

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