अंकटाड ने वर्ल्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट 2015 जारी की-(27-JUNE-2015) C.A

| Saturday, June 27, 2015
यूनाइटेड नेशंस कांफेरेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (अंकटाड) ने 24 जुलाई 2015 कोरिफोर्मिंग इन्टरनेशनल इन्वेस्टमेंट गवर्नेंस नाम से वर्ल्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट 2015 जारी की. 

वर्ल्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट 2015 में 2014 के दौरान वैश्विक, क्षेत्रीय और देश के स्तर पर निवेश के रुझान को तुलनात्मक परिप्रेक्ष्य में दिखाने का प्रयास किया गया है.

वर्ल्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट 2015 के प्रमुख तथ्य 
2014 में वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमजोर स्थिति,निवेशकों के लिए नीति अनिश्चितता और भू राजनीतिक जोखिम आदि के कारण 16 प्रतिशत की गिरावट आई हालांकि 2015 में इसमें 11 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है.

विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह 2 प्रतिशत वृद्धि के साथ उच्चतम स्तर पर पहुंच कर 681 बिलियन डॉलर हो गया. दुनिया के शीर्ष 10 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वाले राष्ट्रों में चीन  सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त करने वाला राष्ट्र बन गया. इस सूची में अन्य पांच विकासशील अर्थव्यवस्था हैं.

2014 के दौरान सीमा पार से विलय और अधिग्रहण में पुनरुद्धार के बावजूद समग्र प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 399 बिलियन यूएस डॉलर रहा. विकसित देशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह में 28 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी. ये सभी अमेरिका द्वारा एक बड़े पैमाने पर विनिवेश से प्रभावित हैं.

विकासशील देश के बहुराष्ट्रीय उद्यमों (MNES) द्वारा किए गए निवेश एक रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया. अब वे किसी भी अन्य बहुराष्ट्रीय उद्यमों MNES की तुलना में विदेशों में अधिक निवेश करते हैं.

20 सबसे बड़े निवेशक देशों में से 9 विकासशील या संक्रमण अर्थव्यवस्थाओं में से थे.

विकासशील देशों की बहुराष्ट्रीय उद्यमों ने विकसित देश की कंपनियों के अधिग्रहण को जारी रखा.

ट्रान्साटलांटिक व्यापार और निवेश भागीदारी (TTIP) और ट्रांस प्रशांत भागीदारी (टीपीपी) पर समझौता करने वाले राष्ट्रों के वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह में गिरावट आई है.

2014 में घोषित ग्रीनफिल्ड निवेश में 2 प्रतिशत की कमी आई है.

विकासशील देशों ने घोषित ग्रीनफील्ड निवेश में दो तिहाई निवेश करने का कार्य जारी रखा है.

लगभग 7.9 ट्रिलियन यूएस डॉलर मूल्य के उत्पादन के साथ अंतरराष्ट्रीय उत्पादन तथा बहुराष्ट्रीय उद्यमों द्वारा उत्पादन में 2014 में वृद्धि हुई है.

विकासशील एशिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में उच्च स्तरीय ऐतिहासिक वृद्धि हुई है.यह 2014 में एक खरब डॉलर के आधे तक पहुँच गया.

दक्षिण एशिया में विनिर्माण क्षेत्र सहित मोटर वाहन उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में (लगभग 16 प्रतिशत) वृद्धि हुई है.

2014 में भारत में निवेश का परिदृश्य
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-आतंरिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह 34.4 बिलियन यूएस डॉलर था जबकि बाह्य प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह 9.8 बिलियन यूएस डॉलर था. इसमें 2013 और 2014 की तुलना में क्रमशः 6.3 बिलियन यूएस डॉलर तथा 10.3 बिलियन यूएस डॉलर की वृद्धि हुई.

बाह्य और आतंरिक सकल अचल पूंजी निर्माण क्रमशः 1.7 तथा 5.9 प्रतिशत रहा.

दक्षिण एशिया के कुल आतंरिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 80 प्रतिशत आकर्षण भारत में हुआ.

सीमा पार से खरीद एवं बिक्री -2014 में सीमा पार से शुद्ध बिक्री और शुद्ध खरीद क्रमशः 5.8 एवं 1 बिलियन यूएस डॉलर रहा. 

ग्रीनफील्ड निवेश-भारत ने दक्षिण एशिया के 26.3 बिलियन यूएस डॉलर में से 24.9 बिलियन डॉलर अधिग्रहित किया.2014 में विदेशों में ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट में 13.2 बिलियन यूएस डॉलर का निवेश किया.इस क्षेत्र में इस दौरान 77.4 बिलियन डॉलर का निवेश करने वाले चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान रहा.

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