भारत माला परियोजना : सीमा तथा
तटीय क्षेत्रों को सड़क मार्ग द्वारा जोड़ना
भारत माला परियोजना जून 2015 के अंतिम सप्ताह में चर्चा में रहा क्योंकि इसके अंतर्गत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सीमावर्ती तथा तटीय क्षेत्रों को आपस में जोड़ने के लिए इन स्थानों पर 3500 किलोमीटर लम्बे सड़क मार्ग के निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं.
भारत माला सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक महत्वकांक्षी परियोजना है जिसके तहत सीमाओं तथा तटवर्ती क्षेत्रों को 5000 किलोमीटर लम्बे सड़क मार्ग द्वारा जोड़ा जायेगा. इस परियोजना में 50,000 करोड़ रूपए का निवेश किया जायेगा.
यह मार्ग 15 राज्यों से होकर गुजरेगा जिसमें राजस्थान, तमिलनाडु, पुडुचेरी, उत्तराखंड, उड़ीसा, गुजरात और पंजाब का बड़ा भाग शामिल होगा.
भारत माला परियोजना जून 2015 के अंतिम सप्ताह में चर्चा में रहा क्योंकि इसके अंतर्गत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सीमावर्ती तथा तटीय क्षेत्रों को आपस में जोड़ने के लिए इन स्थानों पर 3500 किलोमीटर लम्बे सड़क मार्ग के निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं.
भारत माला सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक महत्वकांक्षी परियोजना है जिसके तहत सीमाओं तथा तटवर्ती क्षेत्रों को 5000 किलोमीटर लम्बे सड़क मार्ग द्वारा जोड़ा जायेगा. इस परियोजना में 50,000 करोड़ रूपए का निवेश किया जायेगा.
यह मार्ग 15 राज्यों से होकर गुजरेगा जिसमें राजस्थान, तमिलनाडु, पुडुचेरी, उत्तराखंड, उड़ीसा, गुजरात और पंजाब का बड़ा भाग शामिल होगा.
इसके अतिरिक्त, इस परियोजना का 80 प्रतिशत भाग 2 लेन और पेव्ड शोल्डर (2 एवं आधा लेन) के साथ निर्मित किया जायेगा जबकि 20 प्रतिशत भाग पर चार लेन की सड़क का निर्माण किया जायेगा.
भारत माला वस्तुतः सागर माला परियोजना से प्रेरणा लेकर बनाया गया है जिसमें स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के तहत चेन्नई, दिल्ली, मुंबई तथा कोलकाता को जोड़ने के लिए तथा हिन्द महासागर में समुद्री हितों की पूर्ति हेतु सड़क मार्ग बनाने की योजना पारित की गयी थी.
0 comments:
Post a Comment