वर्ष 1999 में नेपाल-भारत के बीच हुई आवागमन
संधि में 22 जून 2015 को संशोधन किया
गया जिससे नेपाल-भारत की चारों सीमाओं से दूसरे देशों से मंगाए गए वाहनों का आयात
आसानी से हो सकेगा.
यह चार सीमवर्ती क्षेत्र हैं, रक्सोओल-बीरगंज, जोगबानी-बिराटनगर, सुनौली-भैरहावा तथा नेपालगंज रोड-नेपालगंज बॉर्डर प्वारइंट.
यह चार सीमवर्ती क्षेत्र हैं, रक्सोओल-बीरगंज, जोगबानी-बिराटनगर, सुनौली-भैरहावा तथा नेपालगंज रोड-नेपालगंज बॉर्डर प्वारइंट.
यह संशोधन नेपाल द्वारा भारत से इस सम्बन्ध में आग्रह किये जाने के बाद किया गया जिसमें नेपाल ने कहा था कि कोलकाता पोर्ट से आयातित वाहन नेपाल में लाने में अतिरिक्त सुविधाओं से निपटने की आवश्यकताओं, विशेष वाहक और उपकरणों की वजह से ढुलाई का खर्च बढ़ जाता है तथा इसमें समय भी अधिक लगता है.
25 जुलाई एवं 26 जुलाई 2014 को काठमांडू में नेपाल-भारत संयुक्त कमीशन की बैठक में भी इस संशोधन पर चर्चा हुई थी.
नेपाल-भारत के बीच पहली आवागमन संधि के तहत तीसरे देश से आयात किये जाने वाले वाहनों के लिए छूट प्राप्त नहीं थी. इससे पहले वाहनों को रेलवे की बोगियों अथवा ट्रेलर्स के माध्यम से भारतीय कस्टम विभाग द्वारा जांच के बाद ही भेजा जाता था.
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