केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘2022 तक
सभी के लिए आवास’ योजना शुरू करने को मंजूरी 17 जून 2015 को प्रदान की. इसका उद्देश्य शहरी
क्षेत्रों के सभी योग्य लोगों को वर्ष 2022 तक आवास सुविधा
उपलब्ध कराना एवं सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की भागीदारी से शहरी क्षेत्रों में
ऋण से जुड़ी सब्सिडी के जरिए कमजोर वर्ग के लोगों के लिए सस्ते मकानों को
प्रोत्साहन देना है.
यह एक केन्द्र प्रायोजित योजना होगी और राज्यों और संघ शासित प्रदेशों (यूटीएस) को मिशन के क्रियान्वयन में अधिक स्वायत्तता दी जाएगी.
यह एक केन्द्र प्रायोजित योजना होगी और राज्यों और संघ शासित प्रदेशों (यूटीएस) को मिशन के क्रियान्वयन में अधिक स्वायत्तता दी जाएगी.
2022
तक सभी के लिए आवास योजना के मुख्य अवयव
• इस योजना के चार घटक अर्थात स्लम पुनर्वास, क्रेडिट लिंक्ड ब्याज सब्सिडी, किफायती आवास और गरीबी लाभार्थी को अपना मकान बनाने एवं मौजूदा मकानों को दुरस्त करना हैं.
• भूमि को संसाधन घटक के तौर पर इस्तेमाल करने वाले निजी डेवलपरों की भागीदारी के साथ झुग्गी बस्तियों की पुनर्विकास योजना के तहत प्रति लाभार्थी औसतन एक लाख रुपये की केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को इस तरह की परियोजनाओं को व्यवहारिक बनाने के लिए इस अनुदान का उपयोग किसी भी बस्ती पुनर्विकास योजना के लिए करने की स्वतंत्रता होगी.
• ऋण से जुड़ी सब्सिडी योजना के जरिये आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आय समूह (एलआईजी) लाभार्थियों को प्रत्येक आवास ऋण पर 6.50 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी.
• निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों की साझीदारी में सस्ते मकान उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक लाभार्थी को डेढ़ लाख रुपये की केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को शामिल कर शहरी गरीबों के लिए आवास को प्रोत्साहन मिल सकेगा. हालांकि इस वर्ग में एक शर्त है कि परियोजनाओं की 35 प्रतिशत आवासीय इकाइयां आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए अलग रखी जाएंगी.
• प्रत्येक पात्र शहरी गरीबी लाभार्थी को अपना मकान बनाने या मौजूदा मकानों को दुरस्त करने के लिए डेढ़-डेढ़ लाख रुपये तक की केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
योजना की विशेषताएं
• 'यह योजना केंद्र प्रायोजित योजना होगी, सिवाय ऋण-संबद्ध छूट घटक के, जिसका कार्यान्वयन केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में होगा.'
• योजना के तहत आवंटित मकान या तो परिवार की प्रमुख महिला के नाम होगा या प्रमुख पुरुष और उसकी पत्नी के नाम संयुक्त रूप से होगा.
• इसके तहत प्रथम श्रेणी के 500 शहरों को प्राथमिकता देते हुए 4041 वैधानिक कस्बों को कबर किया जाएगा.
• योजना तीन चरणों में पूरी होगी. प्रथम चरण (अप्रैल 2015 से मार्च 2017) में 100 शहर चुने जाएंगे. चरण 2ए (अप्रैल 2017-मार्च 2019) में 200 और शहरों का चुनाव होगा. तीसरे चरण (अप्रैल 2019-मार्च 2022) में शेष सभी शहरों में योजना कार्यान्वित की जाएगी. योजना के तहत अनुमानत: दो करोड़ मकान बनेंगे.
• देश भर के सभी वैधानिक कस्बों में इस योजना का क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी घटक शुरू से ही लागू किया जाएगा.
• 'ऋण-संबद्ध ब्याज छूट घटक के तहत आर्थिक रूप से कमजोर तबके/निम्न आय समूह (ईडब्ल्यूएस/एलआईजी) श्रेणी में 15 साल तक की अवधि हेतु लिए गए आवास ऋण पर 6.5 फीसदी ब्याज छूट दी जाएगी, जिसमें दोनों ही श्रेणियों में शुद्ध वर्तमान मूल्य पर कुल सब्सिडी प्रति मकान 2.3 लाख रुपये होगी.'
• इस योजना के तहत एक प्रौद्योगिकी उप मिशन स्थापित किया जाएगा, जो पर्यावरण अनुकूल और तेज काम की सुविधा उपलब्ध कराएगा.
• झुग्गी पुनर्वास कार्यक्रम के तहत प्रति मकान औसतन एक लाख रुपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी. झुग्गी वासियों को मकान उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार के पास इस सहायता को किसी भी झुग्गी पुनर्वास परियोजना पर खर्च करने की सुविधा होगी.
• सस्ते आवास योजना के तहत ईडब्ल्यूएस श्रेणी में प्रति मकान 1.5 लाख रुपये की केंद्रीय सहायता दी जाएगी.
• केंद्रीय सहायता का लाभ उठाने के लिए राज्य सरकार और उनके अधीन निकाय जैसे हाउसिंग बोर्ड सस्ते मकान योजना के तहत परियोजना शुरू कर सकते हैं.बनने वाले मकानों की सटीक संख्या तब सामने आएगी, जब इसके लिए आधार संख्या, जन धन योजना खाता संख्या या इसी तरह लाभार्थियों की किसी भी पहचान के आधार पर मांग से संबंधित सर्वेक्षण कराए जाएंगे.
• घर के डिजाइन, सामग्री, प्रौद्योगिकी और शहरी आवास के अन्य तत्वों पर सुझाव और जानकारी प्राप्त करने के लिए एक वास्तविक मंच विकसित किया जाएगा.
• इस योजना के चार घटक अर्थात स्लम पुनर्वास, क्रेडिट लिंक्ड ब्याज सब्सिडी, किफायती आवास और गरीबी लाभार्थी को अपना मकान बनाने एवं मौजूदा मकानों को दुरस्त करना हैं.
• भूमि को संसाधन घटक के तौर पर इस्तेमाल करने वाले निजी डेवलपरों की भागीदारी के साथ झुग्गी बस्तियों की पुनर्विकास योजना के तहत प्रति लाभार्थी औसतन एक लाख रुपये की केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को इस तरह की परियोजनाओं को व्यवहारिक बनाने के लिए इस अनुदान का उपयोग किसी भी बस्ती पुनर्विकास योजना के लिए करने की स्वतंत्रता होगी.
• ऋण से जुड़ी सब्सिडी योजना के जरिये आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आय समूह (एलआईजी) लाभार्थियों को प्रत्येक आवास ऋण पर 6.50 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी.
• निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों की साझीदारी में सस्ते मकान उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक लाभार्थी को डेढ़ लाख रुपये की केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को शामिल कर शहरी गरीबों के लिए आवास को प्रोत्साहन मिल सकेगा. हालांकि इस वर्ग में एक शर्त है कि परियोजनाओं की 35 प्रतिशत आवासीय इकाइयां आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए अलग रखी जाएंगी.
• प्रत्येक पात्र शहरी गरीबी लाभार्थी को अपना मकान बनाने या मौजूदा मकानों को दुरस्त करने के लिए डेढ़-डेढ़ लाख रुपये तक की केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
योजना की विशेषताएं
• 'यह योजना केंद्र प्रायोजित योजना होगी, सिवाय ऋण-संबद्ध छूट घटक के, जिसका कार्यान्वयन केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में होगा.'
• योजना के तहत आवंटित मकान या तो परिवार की प्रमुख महिला के नाम होगा या प्रमुख पुरुष और उसकी पत्नी के नाम संयुक्त रूप से होगा.
• इसके तहत प्रथम श्रेणी के 500 शहरों को प्राथमिकता देते हुए 4041 वैधानिक कस्बों को कबर किया जाएगा.
• योजना तीन चरणों में पूरी होगी. प्रथम चरण (अप्रैल 2015 से मार्च 2017) में 100 शहर चुने जाएंगे. चरण 2ए (अप्रैल 2017-मार्च 2019) में 200 और शहरों का चुनाव होगा. तीसरे चरण (अप्रैल 2019-मार्च 2022) में शेष सभी शहरों में योजना कार्यान्वित की जाएगी. योजना के तहत अनुमानत: दो करोड़ मकान बनेंगे.
• देश भर के सभी वैधानिक कस्बों में इस योजना का क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी घटक शुरू से ही लागू किया जाएगा.
• 'ऋण-संबद्ध ब्याज छूट घटक के तहत आर्थिक रूप से कमजोर तबके/निम्न आय समूह (ईडब्ल्यूएस/एलआईजी) श्रेणी में 15 साल तक की अवधि हेतु लिए गए आवास ऋण पर 6.5 फीसदी ब्याज छूट दी जाएगी, जिसमें दोनों ही श्रेणियों में शुद्ध वर्तमान मूल्य पर कुल सब्सिडी प्रति मकान 2.3 लाख रुपये होगी.'
• इस योजना के तहत एक प्रौद्योगिकी उप मिशन स्थापित किया जाएगा, जो पर्यावरण अनुकूल और तेज काम की सुविधा उपलब्ध कराएगा.
• झुग्गी पुनर्वास कार्यक्रम के तहत प्रति मकान औसतन एक लाख रुपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी. झुग्गी वासियों को मकान उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार के पास इस सहायता को किसी भी झुग्गी पुनर्वास परियोजना पर खर्च करने की सुविधा होगी.
• सस्ते आवास योजना के तहत ईडब्ल्यूएस श्रेणी में प्रति मकान 1.5 लाख रुपये की केंद्रीय सहायता दी जाएगी.
• केंद्रीय सहायता का लाभ उठाने के लिए राज्य सरकार और उनके अधीन निकाय जैसे हाउसिंग बोर्ड सस्ते मकान योजना के तहत परियोजना शुरू कर सकते हैं.बनने वाले मकानों की सटीक संख्या तब सामने आएगी, जब इसके लिए आधार संख्या, जन धन योजना खाता संख्या या इसी तरह लाभार्थियों की किसी भी पहचान के आधार पर मांग से संबंधित सर्वेक्षण कराए जाएंगे.
• घर के डिजाइन, सामग्री, प्रौद्योगिकी और शहरी आवास के अन्य तत्वों पर सुझाव और जानकारी प्राप्त करने के लिए एक वास्तविक मंच विकसित किया जाएगा.
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