असम के गुवाहाटी स्थित कामाख्या देवी मंदिर में चार दिवसीय अंबुबचि
मेला 26 जून 2015 को
संपन्न हो गया. इसके साथ ही कामाख्या देवी मंदिर के द्वार भी श्रृद्धालुओं के लिए
खोल दिए गए.
अंबुबचि मेले को अंबुबचि महोत्सव के नाम से भी जाना जाता
है. यह महोत्सव 23 जून 2015 को शुरु
हुआ था जिसमें दुनिया के विभिन्न भागों से लगभग 7 लाख 50
हजार तीर्थयात्रियों ने हिस्सा लिया.
अंबुबचि मेला (अंबुबचि महोत्सव)
इसे कामाख्या देवी पूजा के नाम से भी जाना जाता है.
प्रत्येक वर्ष गुवाहाटी के कामाख्या देवी मंदिर में भव्य अंबुबचि मेले का आयोजन
किया जाता है. मेले के दौरान 3 दिन के लिए मदिर के
दर्शन आम भक्तों के लिए बंद कर दिए जाते हैं और चौथे दिन मंदिर के द्वार खुलते
हैं. यह अम्बूवाची पर्वत भगवती (सती) का रजस्वला पर्व होता है.
कामाख्या मंदिर नीलाचल पर्वत पर गुवाहाटी शहर में पहाड़ी
की ऊंची चोटी पर स्थित है. कामाख्या देवी शक्तिपीठ को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. यह शक्तिपीठ तंत्र साधना के लिए
प्रसिद्ध है. कामाख्या शक्तिपीठ असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से 8
किलोमीटर दूर कामाख्या में है.
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