प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने
17 जून 2015 को भारतीय मानक
ब्यूरो (बीआईएस) विधेयक-2015 को मंजूरी दी. बीआईएस विधेयक-2015,
वर्तमान बीआईएस कानून-1986 का स्थान लेगा.
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) विधेयक-2015
के तहत नए बीआईएस कानून में उपभोक्ताओं के पास ज्यादा अधिकार होंगे.
इसके साथ ही कुछ नए प्रावधान भी इस कानून में सम्मिलित किए जाएंगे जो इससे पहले के
कानून में शामिल नहीं थे.
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) विधेयक-2015
से संबंधित मुख्य तथ्य:
• नए बिल के प्रावधानों के अनुसार, ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स को नेशनल स्टैंडर्ड्स बॉडी ऑफ इंडिया बनाया जाएगा.
• ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स एक गवर्निंग कांउसिल की तरह काम करेगा. बीआईएस की कांउसिल में प्रेसिडेंट के अलावा अन्य सदस्य भी होंगे.
• नए बीआईएस कानून के प्रावधानों के अनुसार गुड्स सर्विसेज सिस्टम्स आदि सभी के स्टैंडर्ड तय किए जाएंगे और सेहत पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन सभी चीजों और सर्विसेज का प्रमाणीकरण जरूरी किया जाएगा. इसके साथ ही साथ सोने-चांदी के बने सामानों की हॉलमार्किंग भी जरूरी होगी.
• नए बिल के प्रावधानों के अनुसार, ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स को नेशनल स्टैंडर्ड्स बॉडी ऑफ इंडिया बनाया जाएगा.
• ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स एक गवर्निंग कांउसिल की तरह काम करेगा. बीआईएस की कांउसिल में प्रेसिडेंट के अलावा अन्य सदस्य भी होंगे.
• नए बीआईएस कानून के प्रावधानों के अनुसार गुड्स सर्विसेज सिस्टम्स आदि सभी के स्टैंडर्ड तय किए जाएंगे और सेहत पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन सभी चीजों और सर्विसेज का प्रमाणीकरण जरूरी किया जाएगा. इसके साथ ही साथ सोने-चांदी के बने सामानों की हॉलमार्किंग भी जरूरी होगी.
विदित हो कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) विधेयक-2015
का मुख्य उद्देश्य बीआईएस को देश के राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप
में स्थापित करना है और यह सुनिश्चित करना है कि ब्यूरो एक शासकीय परिषद के तहत
काम करे और सरकार आवश्यक प्रमाण व्यवस्था ला सके. इससे सरकार किसी उत्पादन या सेवा
की जांच के लिए बीआईएस के अलावा किसी अन्य विभाग को भी नियुक्त कर सकती है और अनुपालन
की पुष्टि होने पर प्रमाणपत्र जारी कर सकती है.
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