केंद्र सरकार ने सूखाग्रस्त क्षेत्रों में मनरेगा के तहत कार्य दिवसों की संख्या में वृद्धि की-(19-JUNE-2015) C.A

| Friday, June 19, 2015
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत सूखा प्रभावित क्षेत्रों में काम करने के दिन 100 से बढ़ाकर 150 करने का निर्णय लिया. केंद्र सरकार द्वारा यह निर्णय 17 जून 2015 को लिया गया.

मनरेगा की शुरुआत वर्ष 2009 में भारत के ग्रामीण परिवारों को 100 दिन का काम मुहैया कराने के उद्देश्य से किया गया था. 

अतिरिक्त पचास दिनों के रोजगार के बदले दिये जाने वाले पारिश्रमिक का खर्चा केंद्र सरकार उठाएगी और यह सुविधा केवल उन्हीं परिवारों को मिलेगी जो 100 दिन पूरे करेंगे.

सूखे के कारण कुछ क्षेत्रों में खेती के कामों पर असर पड़ेगा और दिहाड़ी आधारित रोजगार की मांग बढ़ेगी. इसीलिए सूखा प्रभावित क्षेत्रों में मनरेगा के तहत दिहाड़ी के दिनों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया गया. 

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने फरवरी 2014 में आदिवासी क्षेत्रों के लिए मनरेगा के तहत कार्यदिवसों की संख्या 100 दिनों से बढ़ाकर 150 दिन कर दी थी. उन्हें यह अधिकार वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत प्राप्त हुआ.

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