प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 17 जून 2015 को 2000
मेगावाट से अधिक क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं को मंजूरी दी. यह
परियोजना ग्रिड से जुड़ी होंगी और इन्हें ‘बनाओ, खरीदो और चलाओ’ के आधार पर क्रियान्वित किया जाएगा.
इस परियोजना को जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन (JNNSM) योजना
के बैच-3 ‘फेज-2’ के अंतर्गत
क्रियान्वित किया जायेगा.
इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन से 2000 मेगावाट
की अतरिक्त बिजली पैदा की जाएगी, जिससे ग्रामीण और शहरी
क्षेत्रों में लगभग 12000 लोगों को रोजगार मिलेगा और हर वर्ष
लगभग 3.41 मिलियन टन कार्बन डाईआक्साईड का उत्सर्जन कम होगा.
इस योजना में कुल 12000 करोड़
रुपए के निवेश होने की संभावना है. इसके संदर्भ में चरणबद्ध निवेश इस प्रकार
प्रस्तावित किया गया है:-
वर्ष धनराशि (करोड़ रुपए)
2016-17 1000
2017-18 260
2018-19 210
2019-20 210
2020-21 210
2021-22 210
योग 2100
इस योजना का कार्यान्वयन नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप भारतीय सौर ऊर्जा निगम करेगा. इसके साथ ही निगम परियोजनाओं के प्रस्तावों के लिए आवश्यक दस्तावेज भी तैयार करेगा ताकि बोली आमंत्रित की जा सके. निगम चयनित डेवलपर्स के साथ बिजली खरीद समझौता भी करेगा.
वर्ष धनराशि (करोड़ रुपए)
2016-17 1000
2017-18 260
2018-19 210
2019-20 210
2020-21 210
2021-22 210
योग 2100
इस योजना का कार्यान्वयन नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप भारतीय सौर ऊर्जा निगम करेगा. इसके साथ ही निगम परियोजनाओं के प्रस्तावों के लिए आवश्यक दस्तावेज भी तैयार करेगा ताकि बोली आमंत्रित की जा सके. निगम चयनित डेवलपर्स के साथ बिजली खरीद समझौता भी करेगा.
विदित हो कि केन्द्र सरकार के अलावा कई राज्यों ने सौर
ऊर्जा के संबंध में पहलें से ही सौर ऊर्जा नीति को समर्थन दिया है. इन राज्यों में
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु,
तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड ने हाल
ही में सौर ऊर्जा खरीद के लिए निविदाएं भी जारी की हैं.
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