'बिखरे खयालात': अब्दुल हक
प्रोफेसर अब्दुल हक ने 18 जून 2015
को उपराष्ट्रपति एम हामिद अंसारी को 'बिखरे
खयालात' पुस्तक भेंट की. यह पुस्तेक 'स्ट्रे
रिफ्लेक्शन्स ' शीर्षक से अंग्रेजी में इकबाल
के लेखों का उर्दू अनुवाद है.
इस पुस्तक में इकबाल द्वारा अपने समय पढ़ी गई किताबों पर उनकी दर्ज
राय तथा उस समय के माहौल के बारे में उनकी दर्ज भावनाओं पर आधारित है. इसमें इकबाल
के विद्यार्थी जीवन का भी उल्लेख है. इस पुस्तक के अनुसार इकाबल ने 21 अप्रैल, 1910 से लिखना शुरू किया और कई महीनों तक
लिखना जारी रखा, फिर लिखना बंद कर दिया, उन्होंने स्वयं पुस्तक का शीर्षक 'स्ट्रे
रिफ्लेक्शन्स,' रखा था.
प्रोफेसर अब्दुल हक दिल्ली विश्वविद्यालय में उर्दू विभाग
के पूर्व प्रमुख है.
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