केंद्र
सरकार ने राज्यपालों को राज्य से बाहर जाने हेतु राष्ट्रपति की मंजूरी लेने का
निर्देश अप्रैल 2015 के दूसरे सप्ताह में दिया. केंद्र
सरकार के अनुसार राज्यपालों को अपने संबंधित राज्यों में साल में कम से कम 292
दिन रहना चाहिए और राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना राज्य से बाहर नहीं
जाना चाहिए.
केंद्रीय
गृह मंत्रालय की ओर से अधिसूचित 18 बिंदुओं के नये
नियमों में कहा गया है कि विदेश यात्रा के मामलों में राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए
संवाद, राष्ट्रपति सचिवालय को एडवांस में छह सप्ताह पहले
प्राप्त हो जानी चाहिए. साथ ही निश्चित तौर पर विदेश यात्रा से पहले विदेशी चंदा
नियमन अधिनियम के तहत राजनीतिक मंजूरी प्राप्त करनी चाहिए.
नये नियम के अनुसार कोई भी यात्रा राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति
प्राप्त किये बिना अथवा आकस्मिक या अभूतपूर्व परिस्थितियों में बिना राष्ट्रपति
सचिवालय को पूर्व में सूचित किये बिना नहीं की जानी चाहिए. अंतिम क्षणों में
यात्रा की योजना की स्थिति में राज्यपालों को इसके कारणों को बताना होगा.
राज्य से बाहर यात्रा करने के संबंध में राष्ट्रपति भवन को आग्रह
यात्रा की तिथि से एक से छह सप्ताह पहले की अवधि में किसी समय भेजना होगा. यह इस
बात पर निर्भर करेगा कि यात्र आधिकारिक या निजी है और उन्हें भारत के भीतर या
विदेश जाना है.
राजभवनों को प्रत्येक आधिकारिक यात्रा का ब्योरा राष्ट्रपति को भेजना
होगा. ऐसी यात्रा की अवधि को कैलेंडर वर्ष के 20 प्रतिशत
दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिए.
विदित हो कि केंद्र की ओर से यह निर्देश तब आया है जब कुछ राज्यपालों का लंबे समय से संबंधित राज्यों से बाहर रहने का मामला सामने आया.
विदित हो कि केंद्र की ओर से यह निर्देश तब आया है जब कुछ राज्यपालों का लंबे समय से संबंधित राज्यों से बाहर रहने का मामला सामने आया.
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