यमन में बतौर शांति दूत कार्य कर रहे जमाल बेनोमार ने 16 अप्रैल 2015 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
वे संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के विशेष दूत के तौर पर यमन में 2012 से सेवारत थे.
वे 1994 में संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुए. उन्हें संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न संस्थाओं में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ. इनमें संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) तथा संयुक्त राष्ट्र राजनैतिक विभाग (डीपीए) शामिल हैं.
वे संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के विशेष दूत के तौर पर यमन में 2012 से सेवारत थे.
वे 1994 में संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुए. उन्हें संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न संस्थाओं में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ. इनमें संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) तथा संयुक्त राष्ट्र राजनैतिक विभाग (डीपीए) शामिल हैं.
उनका इस्तीफ़ा उस समय आया है जब सऊदी गठबंधन ने 26 मार्च 2015 से शिया हाऊती की बढ़त को रोकने के लिए हवाई हमले आरंभ कर दिए.
इससे पहले 14 अप्रैल 2015 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने यमन में हिंसा रोकने तथा शांति बहाली के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था.
यह प्रस्ताव जॉर्डन और खाड़ी अरब देशों के सम्मुख रखा गया लेकिन क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए हाऊतियों को अपने कब्जे वाले स्थानों से पीछे हटना होगा जिसमें राजधानी साना भी शामिल है.
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