भारतीय शल्यचिकित्सकों ने 2.75 किलोग्राम
वजन के विश्व के सबसे बड़े गुर्दे को तीन घंटे की शल्य चिकित्सा के बाद 20 अप्रैल 2015 को निकाला. यह ऑपरेशन सर गंगा राम
हॉस्पिटल (एसजीआरएम), दिल्ली के शल्यचिकित्सकों ने किया.
टीम के साथ डॉ. मनु गुप्ता ने मरीज का ऑपरेशन किया और ऑटोसोमल
डॉमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (एडीपीकेडी) से पीड़ित मरीज के दोनों गुर्दे
(किडनी) निकालने का फैसला किया.
आम गुर्दे का वजन करीब 130 ग्राम होता है जबकि इस गुर्दे का वजन 2.75 किलोग्राम था जो कि 20 गुना से भी अधिक था और आस–पास की आंतों में फंसा हुआ था.
वर्ष 2014 में मरीज के एडीपीकेडी से पीड़ित होने का पता चला था और तब से वह डायलिसिस पर था और उसे इस बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए गुर्दे के प्रत्यारोपण की योजना बनाई गई थी.
विश्व में सबसे बड़े गुर्दे होने का रिकॉर्ड बनाने वाले इस मरीज को मार्च 2014 में क्रोनिक रीनल फेलियर और पेट में भयंकर दर्द की शिकायत, पेशाब में खून आना और उच्च ग्रेड के बुखार के बाद दिल्ली में अस्पताल में लाया गया था और इसकी वजह से ही उसकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी.
इससे पहले, 33.72x14.14x15.05 सेमी. के आयाम और 2.15 किलो वजन वाले विश्व के सबसे बड़े गुर्दे को महाराष्ट्र के धुले में वर्ष 2011 में निकाला गया था.
आम गुर्दे का वजन करीब 130 ग्राम होता है जबकि इस गुर्दे का वजन 2.75 किलोग्राम था जो कि 20 गुना से भी अधिक था और आस–पास की आंतों में फंसा हुआ था.
वर्ष 2014 में मरीज के एडीपीकेडी से पीड़ित होने का पता चला था और तब से वह डायलिसिस पर था और उसे इस बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए गुर्दे के प्रत्यारोपण की योजना बनाई गई थी.
विश्व में सबसे बड़े गुर्दे होने का रिकॉर्ड बनाने वाले इस मरीज को मार्च 2014 में क्रोनिक रीनल फेलियर और पेट में भयंकर दर्द की शिकायत, पेशाब में खून आना और उच्च ग्रेड के बुखार के बाद दिल्ली में अस्पताल में लाया गया था और इसकी वजह से ही उसकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी.
इससे पहले, 33.72x14.14x15.05 सेमी. के आयाम और 2.15 किलो वजन वाले विश्व के सबसे बड़े गुर्दे को महाराष्ट्र के धुले में वर्ष 2011 में निकाला गया था.
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