विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day): 18 अप्रैल
विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) 18 अप्रैल 2015 को विश्वभर में मनाया गया. विश्वभर में मूल्यवान संपत्ति और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और रक्षा हेतु लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष यह दिवस 18 अप्रैल को मनाया जाता है.
विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) 18 अप्रैल 2015 को विश्वभर में मनाया गया. विश्वभर में मूल्यवान संपत्ति और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और रक्षा हेतु लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष यह दिवस 18 अप्रैल को मनाया जाता है.
यूनेस्को ने 18 अप्रैल 2014
को भारत भर में स्थित 15 अतिरिक्त स्थलों को
विश्व धरोहर स्थलों की अपनी अस्थायी सूची में शामिल किया. इन स्थलों के शामिल होने
के पूर्व इस सूची में भारत के कुल 33 स्थलों को शामिल किया
गया था.
जनवरी 2015 स्थिति के अनुसार,
विश्व के कुल 160 देशों में कुल 981 विश्व विरासत स्थल हैं, जिनमें 704 ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक, 180 प्राकृतिक और 27
मिश्रित स्थल हैं.
विश्व विरासत दिवस का इतिहास
एक अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा वर्ष 1968 में विश्व प्रसिद्ध इमारतों और प्राकृतिक स्थलों की रक्षा हेतु एक प्रस्ताव रखा गया जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1972 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पारित किया गया. इसके बाद ‘यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर’ अस्तित्व में आया.
सबसे पहले 18 अप्रैल 1978 में विश्व के कुल 12 स्थलों को विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया गया. इस दिन को तब ‘विश्व स्मारक और पुरातत्व स्थल दिवस’ के रूप में मनाया जाता था. परन्तु यूनेस्को ने वर्ष 1983 में इसे मान्यता प्रदान की और तभी से इस दिवस को ‘विश्व विरासत दिवस’ का नाम दिया गया.
विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) से संबंधित मुख्य तथ्य
• पहला विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) 18 अप्रैल 1982 को ट्यूनीशिया में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मोनुमेंट्स एंड साइट्स द्वारा मनाया गया था.
• संयुक्त राष्ट्र की संस्था युनेस्को (UNESCO) ने वर्ष 1983 में इस मान्यता प्रदान की थी.
• इससे पहले प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को विश्व स्मारक और पुरातत्व स्थल दिवस (International Monuments and Sites Day) के रुप में मनाया जाता था.
विश्व विरासत दिवस का इतिहास
एक अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा वर्ष 1968 में विश्व प्रसिद्ध इमारतों और प्राकृतिक स्थलों की रक्षा हेतु एक प्रस्ताव रखा गया जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1972 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पारित किया गया. इसके बाद ‘यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर’ अस्तित्व में आया.
सबसे पहले 18 अप्रैल 1978 में विश्व के कुल 12 स्थलों को विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया गया. इस दिन को तब ‘विश्व स्मारक और पुरातत्व स्थल दिवस’ के रूप में मनाया जाता था. परन्तु यूनेस्को ने वर्ष 1983 में इसे मान्यता प्रदान की और तभी से इस दिवस को ‘विश्व विरासत दिवस’ का नाम दिया गया.
विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) से संबंधित मुख्य तथ्य
• पहला विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) 18 अप्रैल 1982 को ट्यूनीशिया में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मोनुमेंट्स एंड साइट्स द्वारा मनाया गया था.
• संयुक्त राष्ट्र की संस्था युनेस्को (UNESCO) ने वर्ष 1983 में इस मान्यता प्रदान की थी.
• इससे पहले प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को विश्व स्मारक और पुरातत्व स्थल दिवस (International Monuments and Sites Day) के रुप में मनाया जाता था.
0 comments:
Post a Comment