मृत्युदंड के लिए नाइट्रोजन गैस के प्रयोग से जुड़ा विधेयक ओक्लाहोमा विधायिका में पारित-(11-APR-2015) C.A

| Saturday, April 11, 2015
ओक्लाहोमा राज्य की विधायिका ने मृत्युदंड के लिए नाइट्रोजन गैस के प्रयोग से जुड़ा विधेयक 9 अप्रैल 2015 को पारित कर दिया. ये बिल विधायिका में बिना किसी विरोध के पारित हुआ.
अब इस विधेयक को कानून बनने के लिए राज्यपाल के हस्ताक्षर की प्रतीक्षा में है. राज्यपाल के हस्ताक्षर के साथ ही ओक्लाहोमा संयुक्त राज्य अमरीका का पहला राज्य बन जाएगा जो मृत्यु दंड के लिए नाइट्रोजन गैस के प्रयोग की अनुमति देता है. विधेयक के समर्थन में ये तर्क दिया जा रहा है कि नाइट्रोजन गैस के प्रयोग से हिपोक्सिया की स्थिति आ जाती है मरने का मानवीय और दर्द-रहित  तरीका है. इसके लिए किसी चिकित्सीय कुशलता की आवश्यकता भी नहीं होती.
नाइट्रोजन गैस से ही मृत्यु दंड की जरूरत क्यों ?
यूएसए के कई राज्यों की तरह ओक्लाहोमा में भी मृत्युदंड के विभिन्न तरीकों पर विचार किया जा रहा था. राष्ट्रव्यापी स्तर पर जानलेवा सुइयों की कमी के कारण उसे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था.

दवाइयों की कमी तब हुई जब यूरोपीय उत्पादकों ने मृत्युदंड के विरोध में उनके हाथों दवा बेचने से मना कर दिया. उसके बाद मृत्यु दंड की एक अन्य दवा मेडाजोलम की भी निंदा की गई क्योंकि दवा देने के बाद जब एक कैदी को करीब आधा घंटे दर्द से तड़पना पड़ा. मेडाजोलम पहली ऐसी दवा थी जिसका प्रयोग कैदियों को मृत्युदंड देने के लिए किया गया. इसके बाद दो अन्य दवाइयों को प्रयोग में लाया गया जिसमें हृदय गति रुक जाने से मृत्यु हो जाती थी. लेकिन इन दवाओं की आपूर्ति बहुत ही कम है.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट मेडाजोलम के प्रयोग पर अप्रैल के अंत में समीक्षा करेगी.
दवाईयों की अनुपलब्धता की स्थिति में या सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित किये जाने की स्थिति में बिजली से मृत्युदंड और फायरिंग दस्ता अन्य अतिरिक्त तरीके मौजूद हैं. तब तो ओक्लाहोमा राज्य में नाइट्रोजन गैस चैम्बर्स ही प्राथमिक अतिरिक्त उपाय होगें मृत्युदंड देने के लिए.

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