थेमोसाइड परिवार से संबंधित मकड़ी का नाम तेलंगाना राज्य के नाम पर
रखा गया.इस मकड़ी को ‘तेलंगाना क्रेब स्पाइडर’ कहा जाएगा.
केकड़ों से संरचनात्मक समानता के कारण इन मकड़ियों को क्रेब स्पाइडर नाम दिया गया.
इन मकड़ियों को फूल मकड़ियों के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि ये फूलों में रहने वाले कीटों को अपना शिकार बनाती हैं.
इन केकड़ों को उस्मानिया विश्वविद्यालय के प्राणी विज्ञान विभाग के दो शोधकर्ताओं जीबी प्रवाल्लिका और चेल्माला श्रीनिवासुलु द्वारा करीमनगर जिले के नागनूर अभियान के दौरान खोजा गया है.
खोज की पुष्टि संरक्षण और वर्गीकरण पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका ‘थ्रीएटेड टेक्सा’ में की गई. मकड़ियों पर यह अध्ययन विज्ञान और अभियांत्रिकी अनुसंधान बोर्ड, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संघ विभाग और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा समर्थित था.
केकड़ों से संरचनात्मक समानता के कारण इन मकड़ियों को क्रेब स्पाइडर नाम दिया गया.
इन मकड़ियों को फूल मकड़ियों के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि ये फूलों में रहने वाले कीटों को अपना शिकार बनाती हैं.
इन केकड़ों को उस्मानिया विश्वविद्यालय के प्राणी विज्ञान विभाग के दो शोधकर्ताओं जीबी प्रवाल्लिका और चेल्माला श्रीनिवासुलु द्वारा करीमनगर जिले के नागनूर अभियान के दौरान खोजा गया है.
खोज की पुष्टि संरक्षण और वर्गीकरण पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका ‘थ्रीएटेड टेक्सा’ में की गई. मकड़ियों पर यह अध्ययन विज्ञान और अभियांत्रिकी अनुसंधान बोर्ड, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संघ विभाग और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा समर्थित था.
तेलंगाना क्रेब स्पाइडर के बारे में
•ये जापान में पाई जाने वाली मकड़ियों की एक प्रजाति ‘थोमिसस लाबेफेक्ट्स’ की तरह ही प्रतीत होती है.
•यह मकड़ियाँ पारंपरिक मकड़ियों की तरह जाल नहीं बुनती हैं.
•ये अचानक शिकार पर हमला करती हैं और अपने विष से उन्हें मार देती है.
•यह प्रजाति पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह
कीटों की आबादी को नियंत्रित करने में मदद करती हैं.
•यह आकार में 3मिमी से 23मिमी के
मध्य होती हैं.
•ये मकड़ियाँ गाढ़े और हल्के दोनों रंगों में होती हैं.
•यह आमतौर पर पत्थरों के नीचे, पौधों,
झाड़ियों, घास, फूल,
पत्तियों में पाई जातीं हैं.
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