14 अप्रैल 2015 को हरियाणा सरकार ने एक अधिसूचना जारी
कर अरावली पर्वतमाला को वन क्षेत्र की श्रेणी से बाहर कर दिया. नए आदेश के अनुसार
मंगर बानी वन क्षेत्र सहित अरावली पर्वतमाला यह क्षेत्र वनीय श्रेणी में शामिल
नहीं होगा.
मंगर बानी वन क्षेत्र दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उन वन क्षेत्रों में से एक है जहां अभी तक लोगों का प्रवास नहीं हुआ है.
मंगर बानी वन क्षेत्र दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उन वन क्षेत्रों में से एक है जहां अभी तक लोगों का प्रवास नहीं हुआ है.
अधिसूचना के अनुसार केवल उन्हीं स्थानों को वन क्षेत्र के रूप में दर्शाया जायेगा जिन्हें अरावली क्षेत्र में वन के रूप में चिह्नित किया गया है.
इस आदेश के बाद वन क्षेत्र को किसी अन्य भूमि क्षेत्र में स्थानांतरित करने के लिए वन विभाग से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. इससे रियल एस्टेट तथा अन्य संस्थानों के लिए वनों की कटाई और भी आसान हो गयी है.
सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हरियाणा सरकार द्वारा 80,000 हेक्टेयर भूमि को नियंत्रण मुक्त करने के लिए बिल्डरों के हितों को प्रमुखता दी गयी है.
इससे पहले मार्च 2015 में प्राकृतिक क्षेत्रों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सर्वेक्षण के पश्चात् अरावली पर्वतमाला के क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित किया गया था.
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