10 जून 2015 से शुरू होने वाली अन्तरराष्ट्रीय अक्षय
ऊर्जा परिषद (ईरेना) की नौंवी बैठक के लिए 10 अप्रैल 2015
को भारत का नाम अध्यक्ष राष्ट्र के तौर पर चुना गया.
यह बैठक संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में आयोजित की जाएगी.
यह बैठक संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में आयोजित की जाएगी.
भारत 21 सदस्यों की इस परिषद की अध्यक्षता करेगा
जिसमें भविष्य की योजनाओं के लिए मार्गदर्शन तथा जनवरी 2016 में
होने वाली वार्षिक बैठक के लिए एजेंडा तय करने में भी भारत की मुख्य भूमिका होगी.
परिषद की आठवीं बैठक अबू धाबी में नवंबर 2014 में हुई.
अन्तरराष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा परिषद
इसकी स्थापना 26 जनवरी 2009 को अंतर-सरकारी संगठन के रूप में बेहतर ऊर्जा भविष्य के उद्देश्य के साथ की गयी.
यह अक्षय ऊर्जा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंच, उत्कृष्ट नीति केंद्र, प्रौद्योगिकी, संसाधन और वित्तीय ज्ञान के भंडार के रूप में कार्यरत है.
इसके कुल 140 सदस्य हैं जिनमें भारत संस्थापक सदस्य के तौर पर शामिल है.
ईरेना की दो प्रमुख संरचनायें हैं, ईरेना असेंबली तथा ईरेना काउंसिल.
काउंसिल बड़े स्तर पर निर्णय लेती है तथा इसे समग्र नीति निर्देश देती है.
परिषद सभा का प्रमुख निकाय है जो परिषद के सभी फैसलों के लिए उत्तरदायी है.
केन्या के नागरिक, अदनान जेड अमीन इसके महानिदेशक हैं.
परिषद की आठवीं बैठक अबू धाबी में नवंबर 2014 में हुई.
अन्तरराष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा परिषद
इसकी स्थापना 26 जनवरी 2009 को अंतर-सरकारी संगठन के रूप में बेहतर ऊर्जा भविष्य के उद्देश्य के साथ की गयी.
यह अक्षय ऊर्जा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंच, उत्कृष्ट नीति केंद्र, प्रौद्योगिकी, संसाधन और वित्तीय ज्ञान के भंडार के रूप में कार्यरत है.
इसके कुल 140 सदस्य हैं जिनमें भारत संस्थापक सदस्य के तौर पर शामिल है.
ईरेना की दो प्रमुख संरचनायें हैं, ईरेना असेंबली तथा ईरेना काउंसिल.
काउंसिल बड़े स्तर पर निर्णय लेती है तथा इसे समग्र नीति निर्देश देती है.
परिषद सभा का प्रमुख निकाय है जो परिषद के सभी फैसलों के लिए उत्तरदायी है.
केन्या के नागरिक, अदनान जेड अमीन इसके महानिदेशक हैं.
0 comments:
Post a Comment