ई-कचरा फैलाने में भारत दुनिया में पांचवें स्थान पर: संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट-(21-APR-2015) C.A

| Tuesday, April 21, 2015
संयुक्त राष्ट्र द्वारा अप्रैल 2015 के चौथे सप्ताह में जारी एक रिपोर्ट (वैश्विक ई-कचरा निगरानी-2014/ Global e-waste monitoring -2014) के अनुसार, ई-कचरा फैलाने में भारत दुनिया में पांचवें स्थान पर है. अमेरिका और चीन इस मामले में पहले एवं दूसरे स्थान पर हैं.
यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय (यूएनयू) की ओर से जारी की गई, जिसमें अगले तीन वर्षो में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से फैलने वाले कचरे में 21 फीसद तक की वृद्धि का अनुमान जताया गया है.

भारत में वर्ष 2014 में 17 लाख टन ई-कचरा पैदा हुआ था. इस मामले में भारत का स्थान अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद आता है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, चीन और अमेरिका कुल मिलाकर विश्व का 32 फीसद ई-कचरा पैदा करते हैं. 2014 में पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा एक करोड़ साठ लाख टन (प्रति व्यक्ति 3.7 किलोग्राम) ई-कचरा एशिया में जमा हुआ. तीन एशियाई देशों चीन (60 लाख टन) जापान (22 लाख टन) और भारत (17 लाख टन) में आधे से यादा कचरा पैदा हुआ. इस रिपोर्ट के अनुसार, प्रति व्यक्ति ई-कचरा फैलाने वालों में नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, डेनमार्क और ब्रिटेन पहले पांच देशों में शामिल हैं.

विदित हो कि पूरी दुनिया में वर्ष 2014 में 4.18 करोड़ टन ई-कचरे का उत्पादन हुआ. वर्ष 2018 तक इस आंकड़े का पांच करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. इस रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल फोन, कैलकुलेटर, कंप्यूटर, प्रिंटर और छोटे-मोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के चलते सिर्फ सात फीसद तक ही ई-कचरा फैला. वर्ष 2014 में उत्पादित ई-कचरे में 16.5 हजार किलो टन लोहा, 19 सौ किलो टन तांबा, तीन सौ टन सोने के अलावा चांदी, एल्युमीनियम, पैलेडियम प्लास्टिक शामिल हैं. इसके अलावा इसमें 22 लाख टन शीशा, तीन लाख टन बैटरी, पारा, कैडमियम, क्रोमियम आदि शामिल हैं.

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