केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य आपदा राहत कोष के लिए नियमों में बदलाव किए-(10-APR-2015) C.A

| Friday, April 10, 2015
8 अप्रैल 2015 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बाढ़, चक्रवात, सूखा, अत्यधिक बारिश, सूनामी और भूकंप सतिह अन्य आपदाओं से सम्बंधित  नियमों में संशोधन करने के लिए एक आदेश जारी किया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश
राज्य सरकारों को आवंटित धनराशि का 10 प्रतिशत हिस्सा राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के तहत उपकरणों पर खर्च करने की अनुमति होगी.
 
क्षमता निर्माण पर एसडीआरएफ का अधिकतम 5 प्रतिशत हिस्सा खर्च किया जा सकेगा.
 
राज्य सरकारों को स्थानीय आपदाओं पर उनके एसडीआरएफ का 10 प्रतिशत तक खर्च करने की अनुमति होगी.
 
राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से सहायता प्राप्त करते समय एसडीआरएफ के तहत उपलब्ध शेष राशि के समायोजन की प्रक्रिया को गंभीर आपदाओं के मामले में सरल बनाया गया है.
 
नियम थोक मूल्य सूचकांक के संबंध में हर वर्ष खुद-ब-खुद अपडेट हो जाएगा.
 
जीवन, विकलांगता और आजीविका के नुकसान के मामले में अनुग्रह राशि को संशोधित किया गया है.
राज्य आपदा राहत कोष के बारे में
राज्य स्तर पर राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) का संविधान आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 48(I) के तहत प्रावधान है.
 
एसडीआरएफ का कोष सिर्फ आपदाप्रभावित व्यक्तियों को तुरंत राहत प्रदान करने पर होने वाले खर्चों को पूरा करने के लिए ही किया जाता है.
 
कोष में योगदान विजय एल केलकर की अध्यक्षता वाली तेरहवें वित्त आयोग (टीएफसी) की अनुशंसाओं के अनुसार किया गया है.
  टीएफसी द्वारा अनुसंशित कुल योगदान में से सामान्य श्रेणी के राज्यों (जीसीएस) के लिए केंद्र सरकार का योगदान 75% और विशेष श्रेणी वाले राज्यों (एससीएस) के लिए 90% होगा. कोष में केंद्र सरकार का योगदान अनुदान सहायता के रूप में है.

0 comments:

Post a Comment