वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंजूरी सरल करने के लिए अजय शंकर समिति का गठन किया-(09-APR-2015) C.A

| Thursday, April 9, 2015
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने उद्योगों की स्थापना हेतु सरल तरीके से नियम अनुपालन के उपाय सुझाने के लिए अजय शंकर की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन 7 अप्रैल 2015 को किया. वह औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग में पूर्व सचिव रहे.
यह विशेषज्ञ समिति 'अनेक तरह की पूर्व अनुमति लेने' के स्थान पर 'पहले से ही मौजूद नियामक व्यवस्था' कायम करने की संभावनाओं पर गौर करेगी और इसके लिए एक कानून का मसौदा भी तैयार करेगी.

विशेषज्ञ समिति को अपनी रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर पेश करना है.
 

विशेषज्ञ समिति का कार्य
विभिन्न तरह की पूर्व अनुमति की सूची से इस तरह की इजाजत की आवश्यकता का अध्ययन करना.
इस तरह की पूर्व अनुमति लेने के स्थान पर पहले से ही मौजूद (प्रस्तावित) नियामक व्यवस्था या तंत्र.
पूर्व अनुमति लेने की व्यवस्था को बदलते वक्त हिफाजतों की पहचान करना और इन हिफाजतों को प्रस्तावित नियामक व्यवस्था में एकीकृत करना.
प्रस्तावित नियामक व्यवस्था की एक रूपरेखा की सिफारिश करना.
प्रस्तावित कानून का मसौदा तैयार करना.
विशेषज्ञ समिति की संरचना

1.
अजय शंकर, पूर्व सचिव, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग
अध्यक्ष
2.
मनोज कोहली, वाइस-प्रेसिडेंट, एयरटेल
सदस्य
3.
जयजीत भट्टाचार्य, मेसर्स केपीएमजी
सदस्य
4.
सिद्धार्थ सिबल, मेसर्स एसेंचर
सदस्य
5.
 चंद्रजीत बनर्जी, महासचिव, भारतीय उद्योग परिसंघ
सदस्य
6.
 मनोज कुमार सिंह, संयुक्त सचिव, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय
सदस्य
7.
 आलोक कुमार, संयुक्त सचिव, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय
सदस्य
8.
 ध्रुब पुरकायस्थ, आईएफसी, विश्व बैंक समूह
सदस्य
9.
 ऑरोदीप नन्दी, वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार, ब्रिटिश उच्चायुक्त
सदस्य
10.
 अब्राहम जचारिया, केन्द्रीय परियोजना संगठन, आईटीसी, बेंगलुरू
सदस्य
11.
 शैलेन्द्र सिंह, संयुक्त सचिव, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग
सदस्य/ सचिव

पृष्ठभूमि 
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त वर्ष 2015-16 का बजट भाषण में अनेक तरह की पूर्व अनुमति के स्थान पर पहले से मौजूद नियामक व्यवस्था कायम करने की संभावनाओं पर गौर करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा था.

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