ईरान में संसदीय चुनाव में सुधारवादी राष्ट्रपति हसन रूहानी के सहयोगी दलों को तेहरान में 27 फरवरी 2016 को बड़ी जीत मिली. ये चुनाव विश्व के प्रमुख छह शक्तिशाली देशों के साथ ईरान का परमाणु समझौता होने के बाद पहली बार हुए हैं.
अब तक हुई मतों की अनुसार लगभग नब्बे प्रतिशत मतों की गिनती की जा चुकी है. रुझानों के अनुसार रूहानी समर्थक दलों को राजधानी तेहरान में सभी तीस संसदीय सीटों पर जीत मिलना तय है.
- ईरानी संसद और सर्वोच्च धार्मिक परिषद के सदस्यों के चुनाव के लिए वोटों की गिनती 27 फरवरी 2016 को शुरू हो गई.
- 290 सदस्यीय संसद और 88 सदस्यीय परिषद के लिए शुक्रवार को करीब तीन करोड़ तीस लाख लोगों ने वोट डाले.
- इनमें से डेढ़ करोड़ वोटों की गिनती का काम पूरा हो गया.
- सुधारवादियों की जीत से नई संसद उनके लिए अधिक अनुकूल होगी. सुधारवादी देश में लोकतांत्रिक बदलाव और पश्चिमी देशों के साथ बेहतर संबंधों के हिमायती है.
- इस बार यदि सुधारवादी चुनावों में सफल रहते हैं तो 2004 के बाद से पहली बार संसद में उनकी स्थिति मजबूत होगी.
- परिषद के नए सदस्य देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता का चुनाव करेंगे.
- इन चुनावों में कट्टरपंथी अपनी मजबूत जमीन खो चुके हैं.
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