कारखाना अधिनियम, 1948 के संशोधन को राष्ट्रपति की मंजूरी-(02-DEC-2015) C.A

| Wednesday, December 2, 2015
भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 30 नवम्बर 2015 महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रस्तावित कारखाना अधिनियम, 1948 के संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी. इस संशोधन के बाद महाराष्ट्र में महिलाओं के लिए रात 7 बजे से सुबह 6 बजे तक कारखानों में कार्य करना संभव होगा.
विदित हो वर्ष 2015 के जुलाई माह में महाराष्ट्र विधानसभा ने कारखाना अधिनियम,1948 की धारा 66 में संशोधन प्रस्तावित किया था.
प्रस्तावित संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था.
 
इस संशोधन के साथ ही महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे उन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है जो महिलाओं से रात की पाली में कार्य करवाने के प्रति  प्रयासरत हैं.
• उक्त संशोधन ‘इंस्पेक्टर राज’ की प्रथा को भी हतोत्साहित करेगा और इस क्रम में भ्रष्टाचार को भी नियंत्रित करेगा. इस संशोधन के चलते एक फेक्ट्री इंस्पेक्टर को फेक्ट्री के विरुद्ध मामला दर्ज करने से पहले चीफ फेक्ट्री इंस्पेक्टर से अनुमति लेनी होगी.
• संशोधन के पश्चात अब 90 दिन कार्य करने के बाद कर्मचारी ‘पेड लीव’ का हकदार होगा. पूर्व में यह सुविधा 240 दिनों के बाद मिलती थी.
• अब प्रबंधन की अनुमति से ओवर टाईम को भी 75 घंटे से बढ़ा कर 115 घंटे किया जा सकता है.  
• इस संशोधन के बाद निराक्षण और प्रमाणन जैसी गतिवधि उन्ही कारखानों के लिए अनिवार्य है जहां न्यूनतम कर्मचारी 20( बिजली का प्रयोग ना करने वाले कारखाने) और 40( बिजली का प्रयोग करने वाले कारखाने ) हैं.

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