उत्तर कोरिया एवं दक्षिण कोरिया के मध्य प्रमुख सलाहकार की भूमिका निभा रहे किम यांग गोन का 29 दिसंबर 2015 को एक कार दुर्घटना में निधन हो गया. वे 73 वर्ष के थे.
उन्हें उत्तर कोरिया के वर्तमान राष्ट्राध्यक्ष किम जोंग उन का करीबी माना जाता है.
गोन उन अधिकारियों में से थे जो दक्षिण कोरिया के साथ देश के रिश्तों को संभाल रहे थे. वे पूर्व सर्वोच्च नेता किम जोंग इल के समयकाल से ही इन मामलों को देख रहे थे. उनकी मौत से क्षेत्र में असंतुलन बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
उन्हें उत्तर कोरिया के वर्तमान राष्ट्राध्यक्ष किम जोंग उन का करीबी माना जाता है.
गोन उन अधिकारियों में से थे जो दक्षिण कोरिया के साथ देश के रिश्तों को संभाल रहे थे. वे पूर्व सर्वोच्च नेता किम जोंग इल के समयकाल से ही इन मामलों को देख रहे थे. उनकी मौत से क्षेत्र में असंतुलन बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
किम यांग गोन वर्कर्स पार्टी के सेंट्रल कमेटी के सेक्रेटरी थे. इसके अतिरिक्त, वे यूनाइटेड फ्रंट डेवलपमेंट के अध्यक्ष थे, जो उत्तर और दक्षिण कोरिया के रिश्तों से जुड़े मामलों को देखता है.
जून-अगस्त 2015 में उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच बेहद तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. दक्षिण कोरिया ने आरोप लगाया था कि उत्तर की फायरिंग और लैंडमाइन विस्फोट की वजह से उसके कुछ सैनिक मारे गए. यांग गोन को उस वक्त दोनों देशों के बीच रिश्तों को सामान्य करने का श्रेय जाता है.
इसके अतिरिक्त, उन्होंने वर्ष 2007 में उत्तर कोरिया के राष्ट्र प्रमुख किम जोंग इल और दक्षिण कोरिया राष्ट्राध्यक्ष रोह मू हयान के बीच बैठक कराने में भी अहम भूमिका निभाई थी.
जून-अगस्त 2015 में उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच बेहद तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. दक्षिण कोरिया ने आरोप लगाया था कि उत्तर की फायरिंग और लैंडमाइन विस्फोट की वजह से उसके कुछ सैनिक मारे गए. यांग गोन को उस वक्त दोनों देशों के बीच रिश्तों को सामान्य करने का श्रेय जाता है.
इसके अतिरिक्त, उन्होंने वर्ष 2007 में उत्तर कोरिया के राष्ट्र प्रमुख किम जोंग इल और दक्षिण कोरिया राष्ट्राध्यक्ष रोह मू हयान के बीच बैठक कराने में भी अहम भूमिका निभाई थी.
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