भारत और जापान ने 16 दस्तावेजों के आदान–प्रदान सहित असैन्य परमाणु ऊर्जा पर समझौता किया-(17-DEC-2015) C.A

| Thursday, December 17, 2015
12 दिसंबर 2015 को भारत और जापान ने असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग समेत 16 द्विपक्षीय दस्तावेजों का आदान– प्रदान किया. दस्तावेजों का आदान– प्रदान जापान के प्रधानमंत्री के भारत दौरे के दौरान नई दिल्ली में हुआ. 
इसके अलावा दोनों पक्षों ने भारत– प्रशांत क्षेत्र और दुनिया के लिए भारत और जापान विजन 2025: विशेष सामरिक और वैश्विक भागीदारी शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करने के विषय पर संयुक्त वक्तव्य जारी किया.
आदान– प्रदान किए गए दस्तावेजों की सूची इस प्रकार हैः
असैन्य परमाणु सहयोग पर करारः परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग की दिशा में सहयोग पर करार संबंधी समझौता ज्ञापन 
उच्च गति वाले रेलवे पर करारः मुंबई और अहमदाबाद के बीच, जापान से वित्तीय औऱ तकनीकी सहायता के साथ अन्य सुविधाएं मुहैया कराये जाने का प्रावधान इस करार में है.
रक्षा उपकरण एवं प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण संबंधी सहयोग पर करारः इसके तहत संयुक्त अनुसंधान, विकास और/या उत्पादन परियोजनाओं को लागू करने के लिए अनिवार्य रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी को एक दूसरे को उपलब्ध करा रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए रूपरेखा प्रदान की गयी है. 
वर्गीकृत सैन्य जानकारी की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपायों के विषय में करारः यह एक– दूसरे को प्रेषित की जाने वाली वर्गीकृत सैन्य जानकारी के पारस्परिक सुरक्षा को सुनिश्चित करता है बशर्ते सुरक्षा की शर्त प्राप्तकर्ता पक्ष के राष्ट्रीय कानून और नियमों के अनुसार हों. 
दोहरे कराधान से बचाव के समझौते में संशोधन पर करारः यह करार भारत और जापान के बीच आयकर के संबंध में दोहरे कराधान और राजकोषीय अपवंचन की रोकथाम हेतु 1989 में किए गए करार में संशोधन की बात करता है. 
रेल क्षेत्र में रेलवे मंत्रालयों और एमएलआईटी पर तकनीकी सहयोग पर समझौताः इसके जरिये सूचना साझा करना और सर्वोत्तम प्रथाओं, एक दूसरे के साथ अधिकारियों और तकनीशियनों का आदान– प्रदान करना समेत व्यापक प्रौद्योगिकीय सहयोग के लिए क्षेत्र स्थापित करने पर जोर दिया गया है. 
अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) और जापान रेलवे टेक्निकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (जेआरटीआरआई) के बीच प्रौद्योगिकी सहयोग पर समझौताः यह समझौता रेल संचालन में सुरक्षा, रखरखाव के उन्नत तकनीक, पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों आदि के क्षेत्र में सहयोग का प्रस्ताव देता है. 
भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग एवं जापान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एजेंसी के बीच सामरिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम पर आशय पत्रः इसके तहत सहयोगी गतिविधियों जैसे सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में भौतिक विज्ञान के व्यवहारिक अनुप्रयोग  जैसे कार्यक्रम को बढ़ावा और सहयोग देना शामिल है. 
डीएसटी, भारत और जापान सोसायटी फॉर द प्रोमोशन ऑफ साइंस के बीच युवा अनुसंधानकर्ताओं के एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए आशय पत्रः इसके जरिये  विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रमुख क्षेत्रों में क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास के लिए पारस्परिक फेलोशिप कार्यक्रम की स्थापना करने का प्रावधान है. 
मेडिकल उत्पाद विनियमन वार्ता और सहयोग रूपरेखा पर एमओसीः यह समझौता केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन और स्वास्थ्य, श्रम एवं कल्याण मंत्रालय, जापान के बीच किया गया ताकि दवा के उपयोग, जैविक उत्पादों के लिए कच्चे माल पर रचनात्मक वार्ता की सुविधा मिल सके और प्रासंगिक प्रशासनिक एवं नियामक मामलों को दोनों पक्षों के क्षेत्राधिकार में लाया जा सके. 
शिक्षा के क्षेत्र में एमओसीः दोनों देशों के शैक्षणिक संस्थानों के बीच अनुबंधों एवं सहयोग को बढ़ावा देने और भारत एवं जापान के बीच इच्छुक छात्रों के आदान– प्रदान के लिए संभव हर समर्थन प्रदान करना. 
नीति आयोग और इंस्टीट्यूट ऑफ एनर्जी इकोनॉमिक्स, जापान (आईईईजे) के बीच आशय पत्रः यह ऊर्जा के क्षेत्र से संबंधित मामलो में सहयोग को बढ़ावा देने के व्यापक मिशन से संबंधित है ताकि ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों की जांच की जा सके और उसे समझा जा सके. 
आंध्र प्रदेश राज्य सरकार और टोयामा के बीच सहयोग पर समझौता ज्ञापनः यह आर्थिक आदान– प्रदान के क्षेत्रों, दवा उत्पादन उद्योग, सांस्कृतिक आदान– प्रदान, पर्यटन, व्यक्तिगत और अकादमिक आदान– प्रदान के क्षेत्र में आपसी सहयोग की सुविधा प्रदान करने से सम्बंधित है. 
केरल सरकार और लेक नाकायूमि, लेक शिंजी और माउंट डायसेन एरिया मेयर्स एसोसिएशन के बीच समझौताः इसके तहत दोनों ही पक्ष लघु एवं मध्यम उद्यमों पर फोकस के साथ व्यापार इकाइयों के बीच व्यापार, निवेश और आर्थिक संबंधों के विकास पर सहमत हुए हैं.
भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (आईआईएमए) और नेशनल ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी स्टडीज (जीआरआईपीएस) के बीच करारः इसके तहत दोनों ही संस्थानों के बीच बौद्धिक माहौल को बेहतर बनाने की बात की गयी है. 
वन एवं वानिकी के क्षेत्र में करारः यह करार मानव संसाधन विकास और प्रशिक्षण संस्थानों, सतत वन प्रबंधन, वन संरक्षण की वृद्धि और वन आपदा रोकथाम के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के प्रयास की बात करता है.

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