भारत और रुस ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग हेतु 16 समझौतों पर हस्ताक्षर किए-(28-DEC-2015) C.A

| Monday, December 28, 2015
भारत और रुस ने अपने सामरिक संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने हेतु 16 समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
भारत और रूस के बीच परमाणु ऊर्जा, हाइड्रोकार्बन, सौर ऊर्जा, रेलवे और वीजा क्षेत्रों में हस्ताक्षर किए गए. 
प्रमुख समझौते
• दोनों देशों के नागरिकों और रजनयिक पासपोर्ट रखने वालों की आवाजाही के लिए कुछ श्रेणियों में नियम क़ायदों को सरल बनाया जाएगा.
• हैलिकॉप्टर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सहयोग.
• कस्टम मामलों पर सहयोग की योजना.
• रूसी रिएक्टरों का भारत में निर्माण किए जाने पर सहमति.
• रेलवे सेक्टर में तकनीकी सहयोग पर सहमति.
• भारत में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने और ब्रॉडकास्टिंग के क्षेत्र में सहयोग पर एमओयू.
• रूस में तेल खनन को लेकर समझौता.
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान भारत और रूस की कंपनियों के बीच तेल एवं गैस क्षेत्र में चार बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये. इनमें ओएनजीसी विदेश लिमिटेड को रूस के दूसरे सबसे बड़े तेल क्षेत्र वंकोरनेफ्ट में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण का समझौता भी शामिल है.
ओएनजीसी विदेश लिमिटेड  और रूस की विशाल कंपनी रॉसनेफ्ट के साथ हुए समझौते के मुताबिक ओवीएल, 1.3 अरब डालर में साइबेरिया में वंकोरनेफ्ट तेल क्षेत्र में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी.
ओवीएल और रॉसनेफ्ट ने रूसी परिसंघ के महाद्वीपीय पट्टी और तटीय हाइड्रोकार्बन के भूगर्भीय सर्वेक्षण, उत्खनन और उत्पादन में सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर किये.
समझौते के अनुसार ऑयल इंडिया और इंडियन ऑयल कापरेरेशन ने तास-यूर्याख नेफ्टेगेजोदोबायचा तेल क्षेत्र में हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए देनदारियों और परिसंपत्तियों की जांच तथा समझौते को अंतिम स्वरूप देने की संबंध मे गैर-बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर किये.
तास-यूर्याख नेफ्टेगेजोदोबायचा, साइबेरिया में एक अन्य प्रमुख तेल क्षेत्र है.

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