प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 2 दिसम्बर 2015 को दोहरे कराधान से बचाव हेतु समझौते (डीटीएसी) को मंजूरी प्रदान की गयी. इसका उद्देश्य कर सम्बन्धी सूचना का आदान-प्रदान सुगम बनाना है.
डीटीएसी पर दोनों देशों ने वर्ष 1989 में हस्ताक्षर किये थे जिसका एक अन्य उद्देश्य प्रोटोकॉल के माध्यम से राजकोषीय अपवंचन की रोकथाम करना भी था.
प्रोटोकॉल द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सूचना के आदान-प्रदान की सुविधा होगी जिसमें बैंक सम्बन्धी सूचनाएं एवं घरेलू ब्याज के बिना कर संबंधी जानकारी भी शामिल होगी.
डीटीएसी पर दोनों देशों ने वर्ष 1989 में हस्ताक्षर किये थे जिसका एक अन्य उद्देश्य प्रोटोकॉल के माध्यम से राजकोषीय अपवंचन की रोकथाम करना भी था.
प्रोटोकॉल द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सूचना के आदान-प्रदान की सुविधा होगी जिसमें बैंक सम्बन्धी सूचनाएं एवं घरेलू ब्याज के बिना कर संबंधी जानकारी भी शामिल होगी.
इसके अतिरिक्त इसमें जापान से प्राप्त होने वाली सूचना को जापान अथवा भारत की संबंधित अथॉरिटी से अनुमति लेकर शेयर करने का प्रावधान भी शामिल है.
प्रोटोकॉल द्वारा भारत एवं जापान को कर संबंधी, कराधान से ब्याज आय में छूट एवं सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों को सहायता प्रदान करना भी शामिल है.
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