आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 22 दिसंबर 2015 को एकीकृत मत्स्य पालन विकास और प्रबंधन हेतु एक वृहद योजना के लिए मंजूरी प्रदान की. इसकी लागत 3000 करोड़ रूपए है तथा इस योजना की समयावधि पांच वर्ष होगी.
इसके अंतर्गत अंतर्देशीय मत्स्य पालन, मत्स्य पालन, समुद्री मत्स्य पालन एवं राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) द्वारा नीली क्रांति के लिए किये जा रहे सभी प्रयासों में अपना योगदान दिया जायेगा. इसके अंतर्गत शामिल छह क्षेत्र हैं :
• राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड एवं उसके क्रियाकलाप
• अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि का विकास
• समुद्री मत्स्य, बुनियादी ढांचा और पोस्ट हार्वेस्ट संचालन का विकास
• डाटाबेस एवं मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली का सुदृढ़ीकरण
• मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए संस्थागत व्यवस्था
• निगरानी, नियंत्रण, निगरानी एवं अन्य आवश्यकताओं के आधार पर हस्तक्षेप
योजना का उद्देश्य मत्स्य पालन और मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास एवं प्रबंधन के लिए बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करना है. इसके अंतर्गत 6 से 8 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर का लक्ष्य हासिल किया जायेगा. इसे उत्तर-पूर्वी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों सहित सभी राज्यों में लागू किया जाएगा.
इसके अंतर्गत अंतर्देशीय मत्स्य पालन, मत्स्य पालन, समुद्री मत्स्य पालन एवं राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) द्वारा नीली क्रांति के लिए किये जा रहे सभी प्रयासों में अपना योगदान दिया जायेगा. इसके अंतर्गत शामिल छह क्षेत्र हैं :
• अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि का विकास
• समुद्री मत्स्य, बुनियादी ढांचा और पोस्ट हार्वेस्ट संचालन का विकास
• डाटाबेस एवं मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली का सुदृढ़ीकरण
• मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए संस्थागत व्यवस्था
• निगरानी, नियंत्रण, निगरानी एवं अन्य आवश्यकताओं के आधार पर हस्तक्षेप
योजना का उद्देश्य मत्स्य पालन और मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास एवं प्रबंधन के लिए बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करना है. इसके अंतर्गत 6 से 8 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर का लक्ष्य हासिल किया जायेगा. इसे उत्तर-पूर्वी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों सहित सभी राज्यों में लागू किया जाएगा.
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