प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कार्यरत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 दिसंबर 2015 को द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) के लिए संशोधित मॉडल टेक्स्ट को मंजूरी प्रदान की.
यह संशोधित मॉडल भारतीय मॉडल बीआईटी के स्थान पर लागू किया जायेगा. संशोधित मॉडल बीआईटी मौजूदा बीआईटी के स्थान पर बेहतर और व्यापक आर्थिक सहयोग समझौतों के लिए प्रयोग किया जायेगा.
यह संशोधित मॉडल भारतीय मॉडल बीआईटी के स्थान पर लागू किया जायेगा. संशोधित मॉडल बीआईटी मौजूदा बीआईटी के स्थान पर बेहतर और व्यापक आर्थिक सहयोग समझौतों के लिए प्रयोग किया जायेगा.
भारतीय बीआईटी के लिए संशोधित मॉडल
• नए भारतीय बीआईटी मॉडल में विदेशी निवेशकों को भारत में तथा भारतीय निवेशकों को विदेश में उचित सुरक्षा प्रदान की जाएगी.
• इसके अतिरिक्त, इससे निवेशक के अधिकारों और सरकारी दायित्वों के बीच संतुलन बनाकर रखा जायेगा.
द्विपक्षीय निवेश संधि की प्रासंगिकता
• बीआईटी निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है तथा मध्यस्थता से विवादों के निपटारे के लिए एक स्वतंत्र मंच भी प्रदान करता है.
• इससे भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के बेहतर गंतव्य के रूप में चिन्हित होता है.
बीआईटी की विशेषताएं
• निवेश को उद्यम आधारित परिभाषित किया गया है.
• उचित प्रक्रिया के माध्यम से गैर-भेदभावपूर्ण व्यवहार
• राष्ट्रीय उपाय
• जब्ती के खिलाफ सुरक्षा
• परिष्कृत निवेशक राज्य विवाद निपटान (आईएसडीएस) अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को किसी दूसरे माध्यम को अपनाने से पहले स्थानीय तरीकों से समस्या का हल निकालने पर बल देता है.
• मौद्रिक मुआवजा प्रदान करने हेतु न्यायाधिकरण की शक्ति को सीमित किया जायेगा.
• इसमें नियामक प्राधिकरण को संरक्षित करने के लिए सरकारी खरीद, कराधान, सब्सिडी, अनिवार्य लाइसेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे शामिल नहीं होंगे.
• नए भारतीय बीआईटी मॉडल में विदेशी निवेशकों को भारत में तथा भारतीय निवेशकों को विदेश में उचित सुरक्षा प्रदान की जाएगी.
• इसके अतिरिक्त, इससे निवेशक के अधिकारों और सरकारी दायित्वों के बीच संतुलन बनाकर रखा जायेगा.
द्विपक्षीय निवेश संधि की प्रासंगिकता
• बीआईटी निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है तथा मध्यस्थता से विवादों के निपटारे के लिए एक स्वतंत्र मंच भी प्रदान करता है.
• इससे भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के बेहतर गंतव्य के रूप में चिन्हित होता है.
बीआईटी की विशेषताएं
• निवेश को उद्यम आधारित परिभाषित किया गया है.
• उचित प्रक्रिया के माध्यम से गैर-भेदभावपूर्ण व्यवहार
• राष्ट्रीय उपाय
• जब्ती के खिलाफ सुरक्षा
• परिष्कृत निवेशक राज्य विवाद निपटान (आईएसडीएस) अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को किसी दूसरे माध्यम को अपनाने से पहले स्थानीय तरीकों से समस्या का हल निकालने पर बल देता है.
• मौद्रिक मुआवजा प्रदान करने हेतु न्यायाधिकरण की शक्ति को सीमित किया जायेगा.
• इसमें नियामक प्राधिकरण को संरक्षित करने के लिए सरकारी खरीद, कराधान, सब्सिडी, अनिवार्य लाइसेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे शामिल नहीं होंगे.
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