पर्यावरण मंत्रालय ने ताप विद्युत संयंत्रों के लिए कठोर मानकों को अधिसूचित किया-(27-DEC-2015) C.A

| Sunday, December 27, 2015
पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 22 दिसंबर 2015 को कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों के लिए संशोधित मानकों को अधिसूचित किया. 

इसका प्राथमिक उद्देश्य प्रदूषण में कमी लाना है जिसके लिए बनाये गये नए मानक चरणबद्ध तरीके से अमल में लाए जाएंगे. ताप विद्युत संयंत्रों को तीन श्रेणियों (i) 31 दिसंबर 2003 से पहले के स्थापित संयंत्र (ii) 2003 के बाद 31 दिसंबर 2016 तक स्थापित संयंत्र (iii) 31 दिसंबर 2016 के बाद स्थापित संयंत्र में रखा गया है.

नए मानकों के अनुसार 1 जनवरी 2017 से स्थापित होने वाले उर्जा संयंत्रों को शून्य जल अपशिष्ट मानक को अपनाना होगा.
नवीन मानकों के उद्देश्य 

•    नए मानकों का उद्देश्य पीएम 10 (0.98 केजी/ मेगावाट), सल्फर डायऑक्साइड (7.3 केजी/ मेगावाट) तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड (4.8 केजी/मेगावाट) के उत्सर्जन को कम करना है.
•    इससे ताप विद्युत् संयंत्रों के आस-पास की व्यापक वायु गुणवत्ता (एएक्यू) में सुधार लाने में मदद मिलेगी.
•    सल्फरडाइऑक्साइड – एसओ2 तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड की प्रस्तावित सीमा को नियंत्रित करने वाली टेक्नोलॉजी से मरकरी उत्सर्जन (70-90 प्रतिशत) को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी. 
•    ताप विद्युत संयंत्रों में जल के उपयोग को नियंत्रित करने से जल संरक्षण (लगभग 1.5 एम3/मेगावाट) होगा क्योंकि ताप विद्युत संयंत्र जल प्रोत्साहन उद्योग है. 
•    इससे आवश्यक ऊर्जा में संसाधनों का समुचित उपयोग किया जा सकेगा.

0 comments:

Post a Comment