भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक शेखर बसु को 9 अक्तूबर 2015 को परमाणु ऊर्जा आयोग का नया अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा का सचिव नियुक्त किया गया.
शेखर बसु वर्तमान में भारत परमाणु अनुसंधान केंद्र के निदेशक एवं परमाणु पुनरावृत्ति मंडल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं.
9 अक्तूबर 2015 को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार बसु वर्तमान अध्यक्ष डॉ. आर.के. सिन्हा का स्थान ग्रहण करेंगे जो कि 23 अक्टूबर, 2015 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. शेखर बसु अपनी 64 वर्ष की आयु तक इस पद पर अर्थात 19 सितंबर 2016 तक कार्य करेंगे.
शेखर बसु का इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र कलपक्कम में परमाणु कचरा प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
शेखर बसु का इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र कलपक्कम में परमाणु कचरा प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
वर्ष 2012 में बार्क का निदेशक बनाए जाने के बाद से बसु भौतिकी, रसायन शास्त्र, जैव चिकित्सा समेत कई क्षेत्रों की अनुसंधान परियोजनाओं से जुड़े रहे. इसके तहत उन्होंने ऊर्जा, स्वास्थ्य, खाद्य और कृषि क्षेत्रों के लिए काम किया.
उन्होंने भौतिकी, रसायन विज्ञान, जैव चिकित्सा विज्ञान, ऊर्जा, स्वास्थ्य, खाद्य और कृषि क्षेत्रों की परियोजनाओं एवं अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान दिया. भारत सरकार उन्हें परमाणु ऊर्जा एवं अनुसंधान कार्य में उनके योगदान के लिए वर्ष 2014 में पद्म श्री सम्मान से सम्मानित कर चुकी है.
उन्होंने आईएनएस अरिहंत नामक पनडुब्बी में 100 मेगावाट से कम के परमाणु ऊर्जा रिएक्टर के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान किया. भारतीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में उल्लेखनीय योगदान के लिए उनको इंडियन न्यूक्लियर सोसायटी और परमाणु ऊर्जा विभाग से पुरस्कृत किया जा चुका है.
परमाणु ऊर्जा आयोग के बारे में
परमाणु ऊर्जा आयोग के बारे में
भारत सरकार का परमाणु ऊर्जा आयोग परमाणु ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत एक महत्वपूर्ण शासी निकाय है. इसका प्रभार सीधे प्रधानमंत्री के पास होता है. परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना देश में परमाणु ऊर्जा की गतिविधियों को संचालित करने हेतु वर्ष 1948 में की गई थी.
परमाणु ऊर्जा आयोग के अतंर्गत संचालित पांच अनुसंधान केन्द्र:
- भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी), मुंबई
- इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर), कलपक्कम (तमिलनाडु)
- परिवर्ती ऊर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र, कोलकाता
- राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केन्द्र, इंदौर
- परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद
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