चीन ने 8 अक्टूबर 2015 को चाइना इंटरनेशनल पेमेंट सिस्टम (सीआईपीएस) का पहला चरण शुरु कर दिया. यह युआन के वैश्विक उपयोग को बढ़ावा देने और विदेशी अपतटीय केंद्रों की बजाए चीन से ही इसकी मुद्रा के क्लीयरेंस करने की दिशा में महत्वपूर्ण शुरुआत है.
सीआईपीएस की शुरुआत से 2013 में शुरु किए गए शंघाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (एफटीजेड) में सुधार होने की उम्मीद की गई थी.
चाइना इंटरनेशनल पेमेंट सिस्टम (सीआईपीएस) के बारे में
पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना द्वारा विकसित और प्रशासित, सीआईपीएस चीन के बाहर बाजार प्रतिभागियों को उनके चीनी सहभादियों के साथ सुबह 9 बजे से शाम 8 बजे तक युआन में लेनदेन करने की इजाजत देता है.
पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना द्वारा विकसित और प्रशासित, सीआईपीएस चीन के बाहर बाजार प्रतिभागियों को उनके चीनी सहभादियों के साथ सुबह 9 बजे से शाम 8 बजे तक युआन में लेनदेन करने की इजाजत देता है.
सीआईपीएस घरेलू और विदेशी वित्तीय संस्थानों के लिए सीमा पार युआन लेनदेनों हेतु पूंजीगत व्यवस्था और क्लयरिंग सेवाएं मुहैया कराता है.
यह चीनी मुद्रा की दक्षता और वैश्विक उपयोग को बढ़ाएगा.
सीआईपीएस चीन की वास्तवित अर्थव्यवस्था में तेजी लाएगा औऱ घरेलू उद्यमों के विदेश जाने की रणनीति को बढ़ावा देगा.
पृष्ठभूमि
हाल के वर्षों में चीन ने युआन के वैश्विक उपयोग को प्रोत्साहित किया है. केंद्रीय बैंक ने 2014 में 10 आधिकारिक युआन क्लियरिंग बैंकों को नामित किया था, इसके बाद चीन के साथ ही दुनिया में युआन लेनदेन करने वाले बैंकों की संख्या 14 हो गई थी.
हाल के वर्षों में चीन ने युआन के वैश्विक उपयोग को प्रोत्साहित किया है. केंद्रीय बैंक ने 2014 में 10 आधिकारिक युआन क्लियरिंग बैंकों को नामित किया था, इसके बाद चीन के साथ ही दुनिया में युआन लेनदेन करने वाले बैंकों की संख्या 14 हो गई थी.
इससे पहले, सीमा पार युआन क्लियरिंग या तो हांगकांग, सिंगापुर और लंदन या कहीं और जैसी जगहों के अपतटीय युआन क्लियरिंग बैंक के जरिए या चीन के संबंधित बैंक की मदद से ही किया जाता था.
चीन का युआन फिलहाल दुनिया का चौथा सबसे अधिक भुगतान किए जाने वाली मुद्रा है. ग्लोबल ट्रांजैक्शन सर्विस ऑर्गेनाइजेशन स्विफ्ट के अनुसार इसने जापान के येन को सितंबर 2015 में पीछे छोड़ दिया.
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