हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने 7 अक्टूबर 2015 को अपना साहित्य अकादमी सम्मान लौटा दिया. वाजपेयी ने देश में बढ़ती अहसनशीलता जैसी घटनाओं के विरोध में ये सम्मान लौटाने का फैसला किया. उनकी विभिन्न कविताओं के लिए वर्ष 1994 में उन्हें भारत सरकार द्वारा साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था.
विदित हो कि इससे एक दिन पूर्व प्रसिद्ध लेखिका नयनतारा सहगल ने भी सरकार पर देश की सांस्कृतिक विविधता कायम न रख पाने का आरोप लगाते हुए साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की थी. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 88 वर्षीय भांजी सहगल को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार वर्ष 1986 में उनके अंग्रेज़ी उपन्यास 'रिच लाइक अस' के लिए दिया गया था.
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